कौन हैं रेणुका मिश्रा? जानिए यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक केस में क्यों हुआ एक्शन

यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में देरी से एफआईआर होने पर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड की अध्‍यक्ष रेणुका मिश्रा को पद से हटा दिया गया है. वह 1990 बैच की IPS ऑफिसर हैं. आइए उनके बारे में जानते हैं.

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IPS Renuka Mishra IPS Renuka Mishra

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST

Who is Renuka Mishra: उत्तर प्रदेश पुलिस की अफसर आईपीएस रेणुका मिश्रा चर्चा में बनी हुई हैं. यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले में भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को पद से हटा दिया गया है. उन्हें 14 जून 2023 को महानिदेशक और अध्‍यक्ष उप्र पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड की जिम्‍मेदारी सौंपी गई थीं. आइए रेणुका मिश्रा के बारे में जानते हैं. 

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रेणुका मिश्रा की गिनती तेजतर्रार पुलिस ऑफिसर में होती है. बचपन से पुलिस की नौकरी का सपना देखने वाली रेणुका मिश्रा ने 1990 बैच की आईपीएस अफसर हैं. 20 अगस्त 1990 को पुलिस विभाग में उनकी ज्वॉइनिंग का पहला दिन था.

साल 2021 में रेणुका मिश्रा का प्रमोशन हुआ था, जिसके बाद उन्हें डीजी का पद मिला था. इसी दौरान रेणुका मिश्रा को स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. इसके बाद उप्र पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड की जिम्मेदारी दी गई.

कई अवार्ड अपने नाम कर चुकी हैं रेणुका मिश्रा

रेणुका मिश्रा की एजुकेशन की बात की जाए तो उन्होंने बीकॉम कॉमर्स और इकोनाॅमिक्स के साथ एमए पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन किया हुआ है. उन्हें साल 2005 में डीआईजी, 2010 में आईजी, 2014 में एडीजी और 2021 में डीजी पद पर प्रमोट किया गया था. पुलिस प्रशासन में अच्छा काम करने के लिए रेणुका मिश्रा को कई पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है. रेणुका मिश्रा ने राष्ट्रपति पुलिस पदक, भारतीय पुलिस पदक जैसे अवार्ड अपने नाम किए हुए हैं लेकिन अब यूपी प्रोन्नति बोर्ड के अध्‍यक्ष के रूप में उन्हें निष्कासित कर दिया गया है.

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इसलिए पद से हटाईं गईं रेणुका मिश्रा

दरअसल, 17 और 18 फरवरी 2024 को राज्य में उत्तर प्रदेश पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था, जिसके बाद यह सामने आया कि परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो चुका है. इसके बाद पूरे राज्य में छात्रों ने जमकर हंगामा किया. बढ़ते विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने निर्देश दिया कि परीक्षा को निरस्त किया जाए और अगले 6 महीने में दोबारा परीक्षा करवाई जाए. इस मामले में चूक समय से एफएईआर दर्ज ना होने पर रेणुका मुश्रा को पद से हटाया गया है. जांच कमेटी में रिपोर्ट में यह सामने आया कि परीक्षा रद्द होने के बाद से भर्ती बोर्ड की इंटर्नल असेसमेंट कमेटी रिपोर्ट नहीं दे पाई थी और ना ही मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

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