NEET UG 2023 Eligibility Criteria: एमबीबीए, बीडीएस औऱ बीएएमएस जैसे अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए नीट यूजी परीक्षा की योग्यता नियमों में बदलाव किए गए हैं. नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने बुधवार को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG) की पात्रता मानदंड में बदलाव की जानकारी दी है. नए बदलावों के बाद उन छात्रों को भी बड़ी राहत में मिली है, जिनके 11वीं और 12वीं विषयों के आधार पर आवेदन रद्द कर दिए जाते थे.
एनएमसी द्वारा जारी नोटिस में कहा किया कि स्नातक मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन 2023 के तैयार होने के बाद विभिन्न संशोधनों समेत पहले के नियमों को निरस्त किया जाता है.
नीट यूजी योग्यता नियमों में क्या बदलाव हुआ?
जिन छात्रों ने मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं क्लास में अंग्रेजी के साथ फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी या बायो टेक्नोलॉजी विषयों की पढ़ाई की हो, चाहे एडिशनल सब्जेक्ट के रूप में ही क्यों न हो, वे नीट यूजी परीक्षा में बैठ सकते हैं. नोटिस में कहा गया है कि 12वीं पास करने के बाद अतिरिक्त विषय के रूप में बायोलॉजी और बायो टेक्नोलॉजी या किसी अन्य अपेक्षित विषय का अध्ययन पूरा नहीं जा सकता है.
पहले क्या था नियम?
दरअसल, इससे पहले मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने यूजी मेडिकल कोर्स में एडमिशन के लिए एंट्रेंस आर सेलेक्शन को नियम बनाए थे. जिसमें छात्रों को 11वीं और 12वीं क्लास में अंग्रेजी व प्रैक्टिकल के साथ-साथ फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी या बायो टेक्नोलॉजी के विषयों का रेगुलर स्कूल से दो साल तक पढ़ा होना जरूरी था. जारी नोटिस में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने कहा कि यह फैसला उन छात्रों पर भी लागू होगा जिनके आवेदन पहले खारिज कर दिए गए थे.
बता दें कि नीट यूजी परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा किया जाता है जिसमें हर साल लाखों उम्मीदवार बैठते हैं. इस एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से देशभर के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस, बीडीएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस और बीएचएमएस जैसे कोर्सेज में एडमिशन होता है. पिछले साल 20 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने नीट यूजी एग्जाम दिया था.
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