ऑपरेशन सिंदूर में भारत की सख्त कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने सीजफायर का प्रस्ताव रखा, जिसे भारत ने अपनी शर्तों पर मंजरी दी.आज दोनों देशों के बीच DGMO स्तर पर बातचीत होगी.अब समझिए DGMO कौन होते हैं. DGMO यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस-सेना में इस पद की जिम्मेदारी होती है सभी सैन्य अभियानों की योजना और क्रियान्वयन की. युद्ध, आतंकवाद-विरोधी मिशनों और शांति अभियानों की रणनीति DGMO तय करते हैं.
आपको बता दें, थल सेना में DGMO यानी डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस का पद होता है. वहीं वायु सेना में इसके समकक्ष पद को डायरेक्टर जनरल एयर ऑपरेशंस और नौसेना में डायरेक्टर जनरल नेवल ऑपरेशंस कहा जाता है.
भारत के DGMO कौन हैं?
वर्तमान में लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई भारत के DGMO हैं. वह IMA देहरादून के पूर्व छात्र हैं और 1989 में कुमाऊं रेजिमेंट से सेना में शामिल हुए.25 अक्टूबर 2024 को उन्होंने DGMO का पद संभाला. इससे पहले वह श्रीनगर स्थित चिनार कॉर्प्स (15वीं कोर) के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (GOC) रहे.इस दौरान उन्होंने LOC की सुरक्षा और घाटी में आतंकी नेटवर्क तोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई.
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डीजीएमओ के तौर पर लेफ्टिनेंट जनरल घई की जिम्मेदारी युद्ध अभियानों और आतंकवाद विरोधी अभियानों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने की है. वह सेना को हर ऑपरेशन के लिए तैयार रखते हैं और सरकार के अन्य विभागों और सेवाओं के साथ गहन समन्वय करते हैं. इसके साथ ही वह पाकिस्तान के DGMO के साथ मुख्य सैन्य संवादकर्ता भी हैं और सीमा पर तनाव कम करने के लिए सीधी बातचीत करते हैं
कौन हैं पाकिस्तान के DGMO?
पाकिस्तान की ओर से होने वाली गोलीबारी और सीमा पर हमलों की जिम्मेदारी वहां के DGMO की होती है. सीजफायर की पहल भी पाकिस्तान की तरफ से उनके DGMO ने ही की थी.वर्तमान में पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्लाह हैं.मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला चौधरी (Major General Kashif Abdullah Chaudhary) को पाकिस्तान सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के रूप में नवंबर 2023 में नियुक्त किया गया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 24 नवंबर 2023) में काशिफ चौधरी को DGMO का पद मिला. उन्होंने ही भारत के DGMO से बात की और सीजफायर पर सहमति बनी.लेकिन कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन कर दिया, जिससे उसकी नीयत पर सवाल उठने लगे.
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