अगर आपने कभी हवाई जहाज से सफर किया है तो आपको बतौर यात्री लगेज और एयरप्लेन मोड में डिवाइस इस्तेमाल करने जैसे नियमों की जानकारी होगी. इसके अलावा पायलट के दूसरे विमानों को रास्ता देने या ओवरटेक करने के नियमों के बारे में भी पता होगा. लेकिन क्या आपको पता है कि विमान की कॉकपिट में जाने से पहले पायलट्स को परफ्यूम लगाना मना है? चलिए जानते हैं इस अजीब रूल के पीछे क्या कारण है और ये उनके लिए क्यों जरूरी है.
पायलट्स को भी लेना होता है ब्रेथलाइजर टेस्ट
भारत में विमानों के परिचालन के लिए जिम्मेदार डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) की गाइडलाइन के मुताबिक हर पायलट को कोई भी विमान ऑपरेट करने से पहले एक ब्रेथलाइजर टेस्ट लेना पड़ता है (एक डिवाइस में फूंक मारना, जो आपकी सांस के जरिए शरीर में अल्कोहल की मात्रा को चेक करता है). इससे ये सुनिश्चित हो सके कि वो होश में है और विमान उड़ाने के लिए फिट है.
हालांकि, केवल शराब ही नही, बल्कि परफ्यूम, माउथवॉश और हैंड सैनिटाइजर में भी एथाइल अल्कोहल होता है. इसलिए अगर पायलट ने शराब ना भी पी हो और इनमें से कोई भी प्रोडक्ट इस्तेमाल किया हो, तब भी डिवाइस गलत रीडिंग दिखा सकता है. रिस्क से बचने के लिए पायलट्स को इन चीजों से दूर रहने की सलाह दी जाती है.
होता है बड़ा नुकसान
इसी नियम को समझाते हुए एक पायलट कैप्टन तोमर अवधेश ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है. वीडियो में वो कहते हैं कि ऐसा नही है कि हमें परफ्यूम पसंद नही हैं. असल में ये डिवाइस अपनी सेंसिटिविटी के कारण 0.0001 प्रतिशत अल्कोहल भी डिटेक्ट कर सकता है. गलत रीडिंग के चलते कभी-कभी फ्लाइट लेट भी हो जाती है या पायलट के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है.
डीजीसीए के जारी किया था ड्राफ्ट
साल 2023 में डीजीसीए ने फ्लाइट क्रू के लिए नियमों को स्पष्ट करते हुए एक ड्राफ्ट जारी किया था, जिसमें इस नियम पर जोर दिया गया था. इसके अलावा क्रू मेंबर्स के अल्कोहल युक्त दवाओं का सेवन कर फ्लाइट बोर्ड करने से पहले कंपनी के डॉक्टर से परामर्श और अनुमति लेने की भी बात हुई थी.
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