रूस का अचूक हथियार... रेडियोएक्टिव समुद्री लहरें पैदा कर शहरों को कर देगा तबाह, न्यूक्लियर टॉरपीडो की सफल टेस्टिंग

पोसाइडन परमाणु ऊर्जा से चलने वाली रूस की स्वचालित टॉरपीडो है, जिसे दुश्मन के तटीय शहरों या नौसेना अड्डों पर हमला करने के लिए बनाया गया है.

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रूस ने की पोसाइडन की सफल टेस्टिंग (Photo: AP) रूस ने की पोसाइडन की सफल टेस्टिंग (Photo: AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 6:26 PM IST

रूस ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली न्यूक्लियर पावर्ड अंडरवाटर टॉरपीडो पोसाइडन की सफल टेस्टिंग की है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुद इसकी जानकारी शेयर करते हुए इसे बड़ी उपलब्धि बताया.

पुतिन ने बताया कि रूस ने 28 अक्टूबर को दुनिया के सबसे शक्तिशाली न्यूक्लियर-पावर्ड अंडरवॉटर व्हीकल (UUV) पोसाइडन का आर्कटिक महासागर में सफल टेस्ट किया. उन्होंने कहा कि ये बड़ी सफलता है. पोसाइडन की पावर हमारे सबसे बड़े ICBM सारमत से भी ज्यादा है, दुनिया में इसका कोई जवाब नहीं.

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पुतिन ने कहा कि हमने पहली बार न सिर्फ वाहक पनडुब्बी से लॉन्च इंजन के साथ इसे छोड़ा, बल्कि परमाणु ऊर्जा इकाई भी चालू की, जिस पर यह उपकरण कुछ समय तक चला. यह बड़ी सफलता है. उन्होंने कहा कि पोसाइडन की शक्ति महाद्वीपीय मिसाइल सारमत से भी ज्यादा है.

अमेरिका और रूस दोनों देशों के अधिकारियों ने पोसाइडन का प्रतिशोधी हथियारों की नई कैटेगरी के तौर पर उल्लेख किया है, जो रेडियोएक्टिव समुद्री लहरें पैदा कर तटीय शहरों को रहने लायक नहीं छोड़ सकता.

पोसाइडन क्या है?

पोसाइडन पानी के अंदर से लॉन्च होता है और दुश्मन के जहाज या तट पर हमला करता है इसलिए इसे टॉरपीडो की श्रेणी में रखा जाता है. पोसाइडन 20 मीटर लंबा, 100 टन भारी, 100 नॉट्स तेज असीमित दूरी वाला परमाणु रिएक्टर से चलने वाला स्वचालित ड्रोन है. रूस इसे इंटरकॉन्टिनेंटल न्यूक्लियर टॉरपीडो कहता है. यह परमाणु-संचालित ड्रोन समुद्र में तटीय शहरों को नष्ट कर सकता है. यह 10000 किमी तक जा सकता है. परमाणु विस्फोट से सुनामी पैदा कर सकता है.

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पोसाइडन की जद में कौन-कौन?

रूस के पोसाइडन की असीमित रेंज और समुद्री लॉन्च के कारण दुनिया का कोई भी तटीय देश इसके निशाने पर है, लेकिन प्राथमिक लक्ष्य अमेरिका के पूर्वी और पश्चिमी तट (न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन, लॉस एंजिल्स, सैन फ्रांसिस्को), ब्रिटेन (लंदन, पोर्ट्समाउथ), फ्रांस (ब्रेस्ट, मार्सेल), जापान (टोक्यो, योकोहामा), दक्षिण कोरिया (बुसान, सियोल क्षेत्र), ऑस्ट्रेलिया (सिडनी, मेलबर्न) और नाटो के यूरोपीय तट (नॉर्वे, जर्मनी, नीदरलैंड) हैं.

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