बेंगलुरु की निजी कंपनी SSS Defence ने नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के लिए 500 स्वदेशी 9×19 mm सबमशीन गनों (SMG) की खरीद टेंडर में सबसे कम बोली (L1) लगाकर बाजी मार ली है. टेंडर FE के अनुसार, तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन के बाद SSS Defence की G72 SMG को चुना गया है, जबकि सभी विदेशी और अन्य प्रतियोगी बोली तकनीकी आधार पर खारिज हो गईं.
NSG, जो देश की सबसे एलीट काउंटर-टेररिज्म फोर्स है, दशकों से जर्मनी की Heckler & Koch MP5 और अन्य यूरोपीय SMG पर निर्भर रही है. ये हथियार विश्व स्तर के बेस्ट काउंटर-टेररिज्म यूनिट्स के मानकों पर खरे उतरते हैं. ऐसे में NSG की सख्त तकनीकी जरूरतों को पूरा करना कोई छोटी उपलब्धि नहीं है.
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यह स्वदेशी हथियार का विदेशी प्रतियोगियों पर बड़ा विजय है. अंतिम डील होना बाकी है. लेकिन यह पहले से ही 'आत्मनिर्भर भारत' के लिए बड़ी जीत है.
SSS Defence की G72 एक आधुनिक, मॉड्यूलर सबमशीन गन है, जो विशेष रूप से स्पेशल फोर्सेस, VIP सिक्योरिटी और क्लोज क्वार्टर्स बैटल (CQB) के लिए डिजाइन की गई है. यह रोलर-डिलेड ब्लोबैक सिस्टम पर काम करती है, जो फुल-ऑटो फायर में भी सटीकता और नियंत्रण बनाए रखती है. मुख्य फीचर्स...
यह हथियार पूरी तरह स्वदेशी है और NSG जैसे एलीट फोर्स की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है.
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NSG के कमांडोज आतंकवाद विरोधी ऑपरेशंस में क्लोज रेंज में लड़ते हैं, जहां कॉम्पैक्ट, तेज और विश्वसनीय हथियार जरूरी होता है. अब तक MP5 जैसे आयातित हथियारों पर निर्भरता थी, लेकिन G72 के आने से लॉजिस्टिक्स आसान होगा, रखरखाव सस्ता और कस्टमाइजेशन संभव होगा.
SSS Defence के लिए यह ऑर्डर बड़ा रेफरेंस बनेगा, जो आगे अन्य CAPF और मिलिट्री टेंडर्स में मदद करेगा. कंपनी पहले से स्नाइपर राइफल्स और असॉल्ट राइफल्स में सफलता पा चुकी है.
ऋचीक मिश्रा