अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद बिगड़ती स्थिति के बीच शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में सभी खुफिया एजेंसियों और सभी राज्यों के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) के प्रमुखों की इंटर कोऑर्डिनेशन मीटिंग हो रही है. शुक्रवार सुबह 10 बजे दिल्ली पुलिस मुख्यालय में इसकी मीटिंग शुरू हुई.
इस बैठक में 11 राज्यों के ATS चीफ, SOG और खुफिया एजेंसियों के प्रमुख शामिल होने की जानकारी है. इस मीटिंग का उद्देश्य एटीएस के साथ खुफिया एजेंसियों का बेहतर समन्वय और आने वाले समय में खुफिया इनपुट को जल्द से जल्द शेयर करना होगा.
इंटरस्टेट राज्यों की पुलिस के साथ कोर्डिनेशन मीटिंग पहले भी होती रही है लेकिन हाल ही में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल के बाद टेरर अलर्टस को लेकर ये मीटिंग की जा रही है.
SOG और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल
इसमें दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना समेत तमाम स्पेशल कमिश्नर जिसमे स्पेशल सीपी स्पेशल सेल, इंटेलिजेंस, विजिलेंस, लॉ एंड ऑर्डर समेत देश के अलग अलग 11 राज्यो के एटीएस चीफ, खुफिया एजेंसी रॉ, आईबी, एनआईए और फील्ड ऑपरेशन से जुड़े अधिकारी शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेने के बाद तेजी से बदलते हालातों पर चर्चा होगी. साथ ही भारत में आतंकी गतिविधियों पर किस तरह का बदलाव होगा, इस पर भी बातचीत की जाएगी.
घटना से पहले तैयारी करने में मिलेगी मदद
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक के जरिए बेहतर समन्वय और किसी भी अप्रिय घटना के लिए पहले से तैयारी करने में मदद मिलेगी. कुछ दिनों पहले खुफिया एजेंसियों को सीमावर्ती इलाकों में घुसपैठ की जानकारी मिली थी. खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था कि आतंकवादी देश में कुछ बड़ा करने की साजिश रच रहे हैं. बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब दिल्ली पुलिस के हेडक्वार्टर में आईबी, रॉ, सैन्य खुफिया एजेंसी और अन्य एजेंसियों को बुलाया गया है.
15 अगस्त को तालिबान ने किया कब्जा
15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत विरोधी आतंकी संगठन अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों में कर सकते हैं. ऐसे में सभी खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर हैं.
अरविंद ओझा / तनसीम हैदर