Kolkata: हेड कॉन्स्टेबल को पकड़ने के लिए चलाया गया Operation Mojo

शनिवार देर रात तक चले Operation Mojo में आरोपी हेड कॉन्टेबल को पकड़ा गया. आरोपी हेड कॉन्सटेबल ए.के मिश्रा को पकड़ने के लिए कोलकाता पुलिस और सीआईएसएफ ने जो तरकीब अपनाई वो उसकी हर तरफ तारीफ हो रही है.

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कोलकाता का इंडियल म्यूजियम जहां घटना हुई ( फाइल फोटो) कोलकाता का इंडियल म्यूजियम जहां घटना हुई ( फाइल फोटो)

सूर्याग्नि रॉय

  • कोलकाता,
  • 07 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST

कोलकाता स्थित देश के सबसे पुराने इंडियन म्यूजियम  (Indian Museum) में तैनात CISF हेड कॉन्सटेबल ए.के मिश्रा ने अपने सर्विस हथियार से साथी एएसआई रंजीत कुमार सारंगी पर शनिवार शाम फायर किया था जिसमें उनकी मौत हो गई थी. वहीं फायरिंग में CISF पश्चिम बंगाल के एसी सुवीर घोष (Subir Ghosh) भी घायल हुए थे. आरोपी कॉन्टेबल ए.के मिश्रा को पकड़ने के लिए सीआईएफ और कोलकाता पुलिस ने Operation Mojo चलाया और आरोपी कॉन्टेबल को पकड़ा.

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शनिवार देर रात तक चले Operation Mojo में आरोपी हेड कॉन्टेबल को पकड़ा गया. आरोपी हेड कॉन्सटेबल ए.के मिश्रा को पकड़ने के लिए कोलकाता पुलिस और सीआईएसएफ ने जो तरकीब अपनाई उसकी हर तरफ तारीफ हो रही है. आरोपी मिश्रा को पकड़ने के लिए कोलकाता सेंट्रल जोन के डिप्टी पुलिस कमिश्नर और सीआईएसएफ डिप्टी कमांडेंट ने अपनी जान की बाजी तक लगा दी.

फोन पर की एके मिश्रा से बात

फायरिंग की घटना के बाद आरोपी मिश्रा म्यूजियम के अंदर चला गया था. ऑपरेशन के दौरान आरोपी कॉन्टेबल मिश्रा से संपर्क साधने की कोशिश की गई. उसके मोबाइल पर कई बार कॉल किया गया. तब कहीं जाकर मिश्रा ने अधिकारियों से बात की. जिसमें अधिकारियों ने पाया कि मिश्रा बहुत गुस्से में है. अधिकारियों ने उसे शांत होने की बात कही और बाहर आने को कहा. लेकिन मिश्रा ने कॉल कट कर दिया. जिसके बाद लाउड स्पीकर से अनाउंस कर फिर से मिश्रा को बात करने का बोला गया. मिश्रा ने दुबारा अधिकारियों से बात की.

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कोलकाता पुलिस अधिकारियों ने मिश्रा के गुस्से को शांत करने के लिए उसके घर-परिवार के बारे में बात की. जिसमें मिश्रा ने कहा कि नौकरी में उसे कई महीनों से परेशान किया जा रहा है. अफसरों ने मिश्रा से कहा कि वह बाहर आ जाए उसे गोली नहीं मारी जाएगी. लेकिन मिश्रा ने बाहर आने और हथियार नीचे रखने से मना कर दिया. 

मिश्रा के पास थी हथियार-घर की चाबी

सीआईएसएफ और कोलकाता पुलिस को सबसे ज्यादा डर इस बात का था कि कॉन्सटेबल मिश्रा के पास हथियार-घर की चाबी थी. मिश्रा जिस फ्लोर पर छुपा हुआ था वहीं हथियार-घर भी था. अधिकारियों को डर था कहीं वो गुस्से में कोई बड़ा कदम नहीं उठा ले. लगातार बातचीत के बाद आरोपी मिश्रा ने अधिकारियों को बिना हथियार के अंदर आने को कहा.

कोलकाता सेंट्रल जोन के डिप्टी कमिश्नर और सीआईएफ डिप्टी कमांडेंट निहत्थे मिश्रा के पास गए. हाथ में एके-47 लिए मिश्रा से दोनों निहत्थे अधिकारियों ने बात की और उसे भरोसा दिलाया की उस पर गोली नहीं चलाई जाएगी. मिश्रा ने अधिकारियों के सामने हथियार रख सरेंडक किया. जिसके बाद दोनों  अधिकारी आरोपी मिश्रा को बिल्डिंग के बाहर सलेकर आए और उससे हथियार घर की चाबी भी बरामद की.
 

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