तबलीगी जमातियों के मामले में इलाहाबाद HC पुलिस के रवैये से नाराज, तीन जिलों के SP तलब

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को विदेशी और भारतीय तबलीगी जमातियों से जुड़े मामले में सुनवाई की. यूपी में पिछले साल महीनों तक जेल में बंद रहे विदेशी जमातियों के मामले में पुलिस के रवैये पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है.

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इस मामले में अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी इस मामले में अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी

पंकज श्रीवास्तव

  • प्रयागराज,
  • 09 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 5:15 PM IST
  • यूपी पुलिस के रवैये से हाई कोर्ट नाराज
  • तीन जिलों के एसपी किए गए तलब
  • 15 जुलाई को होगी मामले की अगली सुनवाई

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विदेशी और भारतीय जमातियों से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए तीन जिलों के पुलिस अधीक्षकों को समन भेजा है. हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए तीनों जिलों के पुलिस प्रमुखों को व्यक्तिगत तौर पर 15 जुलाई को अदालत में तलब किया है. हाई कोर्ट ने जमातियों के खिलाफ धारा 307 लगाने पर भी सवाल उठाया है. 

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शुक्रवार को विदेशी और भारतीय तबलीगी जमातियों से जुड़े मामले में सुनवाई की. यूपी में पिछले साल महीनों तक जेल में बंद रहे विदेशी जमातियों के मामले में पुलिस के रवैये पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. इस मामले में 18 विदेशी जमाती भी आरोपी के तौर पर शामिल हैं. 

विदेशी और भारतीय जमातियों से जुड़े इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 3 जिलों के पुलिस कप्तानों को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है. हाई कोर्ट ने यूपी के शाहजहांपुर, हापुड़ और मऊ जिलों के पुलिस अधीक्षकों को कोर्ट में तलब किया है. तीनों जिलों के पुलिस कप्तानों को 15 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से हाई कोर्ट में मौजूद रहने का फरमान सुनाया गया है.

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तीनों जिलों के पुलिस प्रमुखों को यह बताना होगा कि इस मामले में अब तक चार्जशीट और केस डायरी हाई कोर्ट में क्यों पेश नहीं की गई? बीती 8 जून को इस मामले की सुनवाई के दौरान दिए गए आदेश का पालन ना होने पर भी हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई. हाई कोर्ट ने कहा कि मऊ जिले के एसपी को यह भी बताना होगा कि जमातियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 क्यों लगाई गई? 

बता दें कि पिछले साल यानी मार्च 2020 में नई दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित मरकज़ में आयोजित जमात में विदेशी और भारतीय जमाती आए हुए थे. भारत में तब तक ना तो कोरोना की लहर थी और ना ही कोई कोरोना प्रोटोकॉल.

इसके बावजूद यूपी शाहजहांपुर और हापुड़ जिले में विदेशी जमातियों को जेल भेजा गया था. उनके खिलाफ महामारी एक्ट और फॉरनर्स एक्ट के साथ-साथ आईपीसी की धाराओं में भी केस दर्ज किया गया था. इसी मामले में जमातियों ने पुलिस चार्जशीट को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट से केस रद्द किए जाने की अपील की थी.

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इस मामले में थाईलैंड के रहने वाले 18 विदेशी जमाती भी शामिल हैं. शाहजहांपुर और हापुड़ में पिछले साल नौ- नौ थाइलैंड के जमाती गिरफ्तार किए गए थे. इसके अलावा दो जिलों में भारतीय जमातियों को भी आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया गया था. हालांकि मऊ जिले से जुड़े मामले में कोई विदेशी जमाती शामिल नहीं है.

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शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विदेशी और भारतीय जमातियों की तरफ से दाखिल की गई अर्जी पर सुनवाई की. जस्टिस अजय भनोट की सिंगल बेंच ने ये सुनवाई की. याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट अदील अहमद ने बहस की और सारे तथ्य हाई कोर्ट के सामने रखे. अब इस मामले में 15 जुलाई को अगली सुनवाई होगी.

 

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