J-K रामबन सुरंग हादसा: 10 की मौत, कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ FIR, मिलेगा 16 लाख रुपये मुआवजा

जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर बन रही सुरंग ढहने से दस लोगों की मौत हो गई. हादसा शुक्रवार को हुआ. कंस्ट्रक्शन कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

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सुनील जी भट्ट

  • रामबन,
  • 21 मई 2022,
  • अपडेटेड 12:15 PM IST
  • मृतकों की हुई पहचान
  • रेस्क्यू के दौरान तीन को बचाया गया

रामबन जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सुरंग ढहने से दस लोगों की मौत हो गई. सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं. शनिवार को एक शव का आधा हिस्सा मिला, बाकी की तलाश के लिए रेस्क्यू जारी है. इस मामले में निर्माण कंपनी सरला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. सुरंग लैंडस्लाइड में मारे गए 10 मजदूरों में से प्रत्येक के परिवार को 16 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.

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मृतकों की हुई पहचान
बता दें कि खराब मौसम के बीच शनिवार सुबह से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. शनिवार को रेस्क्यू के दौरान नौ डेड बॉड़ी मिली. पहली बॉडी एक चट्टान के नीचे दबी हुई थी. मशीन के जरिए मलबा हटाकर शव निकाला गया. रामबन एसएसपी मोहिता शर्मा ने बताया कि मृतकों में से पांच पश्चिम बंगाल, एक असम, दो नेपाल और दो स्थानीय थे. हादसे को लेकर लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है. 

रेस्क्यू के दौरान तीन लोगों को बचा लिया गया था
जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में खूनी नाला के पास हाईवे पर टी-3 की ऑडिट टनल पर हादसा हो गया था. हालांकि, रेस्क्यू के दौरान तीन लोगों को बचा लिया गया था. शुक्रवार को पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा टूट गया था, इस वजह से बचाव अभियान में बाधा आ गई थी. लिहाजा रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ गया था. मौसम में सुधार के बाद फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया.

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शुक्रवार को तीन लोगों को रेस्क्यू किया गया, दो लोग जिला अस्पताल रामबन में भर्ती हैं. उनकी पहचान झारखंड के विष्णु गोला और रामबन के अमीन के रूप में हुई है. तीसरे घायल की पहचान वरिंदर कुमार के रूप में हुई है, जिसका जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. बता दें कि जिस मजदूर का शव मलबे से मिला था, उसकी पहचान पश्चिम बंगाल के सुधीर रॉय के रूप में हुई है.

संभागीय आयुक्त रमेश कुमार और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) मुकेश सिंह ने घटनास्थल का दौरा किया. जबकि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कंट्रोल रूम से स्थिति की निगरानी की. अधिकारियों ने बताया कि NDRF और SDRF की टीमें रेस्क्यू में लगी हुई हैं. रेस्क्यू में तेजी लाने के लिए मजिस्ट्रेट के साथ अतिरिक्त कर्मियों को भी तैनात किया गया है.

 

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