फर्जी IAS बन कहता नौकरी लगवा देंगे, बेरोजगारों को ठगने वाला गिरोह पकड़ाया

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे गिरोह को पकड़ा है जो नौकरी का झांसा देकर बेरोजगार युवकों को ठगता था.

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आरोपियों के साथ दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम आरोपियों के साथ दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की टीम

हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2022,
  • अपडेटेड 5:16 PM IST
  • 5 लाख रुपये हड़पने की शिकायत
  • पांच आरोपी गिरफ्तार

आईएएस अफसर बनकर लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगने वाले एक शातिर बदमाश को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक पकड़ में आया शख्स खुद को एनडीएमसी में आईएएस अफसर बताता था और बेरोजगार लोगों से कहता था कि वह उनकी नौकरी लगवा देगा और नौकरी लगवाने का झांसा देकर वह लोगों से मोटी रकम हड़प लेता था. पकड़ में आए आरोपी का नाम राकेश है. पुलिस के मुताबिक राकेश भड़ाना पूरा गैंग चलाता था, पुलिस ने राकेश के अलावा गैंग के चार और बदमाशों विनोद , प्रकाश, योगेश और रोहताश को गिरफ्तार किया है.

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5 लाख रुपये हड़पने की शिकायत
कुछ दिन पहले गाजियाबाद लोनी के रहने वाले एक शख्स अंकित ने दिल्ली पुलिस को शिकायत दी थी कि राकेश भड़ाना नाम के एक शख्स ने एनडीएमसी में नौकरी दिलाने का बहाना कर उससे 5 लाख रुपये हड़प लिए है. अंकित ने पुलिस को यह भी बताया कि राकेश खुद को एनडीएमसी में आईएएस अधिकारी बताता है. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि उसे विश्वास दिलाने के लिए आरोपियों ने उसे एक आईकार्ड और नियुक्ति पत्र भी दिया था. बाद में पता लगा कि वह आईकार्ड जाली था. 

पांच आरोपी गिरफ्तार
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी. टेक्निकल सर्विलांस और मुखबिरों से मिली जानकारी के बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में राकेश भढ़ाना और विनोद समेत गैंग के पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

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बेरोजगार युवकों की तलाश कर ठगी
जांच के दौरान दिल्ली पुलिस को पता चला कि विनोद और राकेश इस गैंग के सरगना थे. विनोद बेरोजगार युवकों की तलाश करता और उसके बाद उन्हें सरकारी नौकरी दिलाने का झूठा वादा करता. फिर विनोद बेरोजगार युवकों को राकेश से मिलवता और कहता कि यह एनडीएमसी में आईएएस अधिकारी हैं.

फिर यह लोग सामने वाले से जितनी हो सकते उतनी रकम निकलवा लेते. रोहतास और प्रकाश नाम के दो आरोपी राकेश के आसपास मौजूद रहते ताकि सामने वाले को यकीन हो कि राकेश एक बड़ा अधिकारी है. जबकि योगेश का प्रिंटिंग प्रेस है जहां पर वह फर्जी आई कार्ड और नियुक्ति पत्र प्रिंट किया करता था.

पुलिस की जांच में साफ हुआ है कि इस गिरोह ने अब तक करीब 30 लोगों को इसी तरह से ठगा है. पुलिस के मुताबिक राकेश और विनोद पर इसके पहले भी ठगी के मुकदमे दर्ज हैं.

 

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