ED Action in Real Estate Fraud Case: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़े वित्तीय घोटाले के मामले में कई ठिकानों पर छापेमारी की है. यह कार्रवाई रियल एस्टेट निवेश फंड के नाम पर निवेशकों से कथित धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर की गई.
ED की यह जांच CBI की पूर्व जांच में सामने आए गंभीर आरोपों के बाद शुरू हुई. एजेंसी के मुताबिक, निवेशकों को ऊंचे रिटर्न का लालच देकर भारी रकम जुटाई गई. बाद में इस पैसे के गलत इस्तेमाल की आशंका सामने आई.
CBI जांच के बाद ED की एंट्री
इस पूरे मामले की जड़ें CBI की जांच से जुड़ी हैं, जिसमें निवेशकों के साथ बड़े पैमाने पर ठगी के संकेत मिले थे. जांच में सामने आया कि रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के नाम पर फंड जुटाया गया. ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से केस दर्ज कर जांच शुरू की. एजेंसी का मानना है कि यह केवल निवेश धोखाधड़ी नहीं बल्कि संगठित आर्थिक अपराध का मामला है. इसी आधार पर रायपुर में छापेमारी की गई.
₹2,434 करोड़ की हेराफेरी
ED के अनुसार, इस केस में करीब ₹2,434 करोड़ की राशि शामिल है. आरोप है कि निवेशकों से जुटाए गए फंड और बैंक लोन का इस्तेमाल तय उद्देश्य के बजाय दूसरी जगह किया गया. एजेंसी को शक है कि यह पैसा योजनाबद्ध तरीके से इधर-उधर किया गया. शुरुआती जांच में बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ी के संकेत मिले हैं. इसी वजह से मामले को हाई-वैल्यू फ्रॉड माना जा रहा है.
विदेशी कंपनियों को पैसा भेजने की आशंका
ED का दावा है कि जुटाई गई रकम का एक बड़ा हिस्सा विदेशी संस्थाओं को डायवर्ट किया गया. यह पैसा रियल एस्टेट निवेश के नाम पर बाहर भेजे जाने का शक है. जांच एजेंसी इसे मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर मामला मान रही है. विदेशी लेन-देन से जुड़े दस्तावेज और बैंकिंग ट्रांजैक्शन की गहन जांच की जा रही है. डिजिटल सबूतों की भी पड़ताल की जा रही है.
आनंद जयकुमार जैन पर फोकस
छापेमारी के दौरान ED ने उद्योगपति आनंद जयकुमार जैन से जुड़े ठिकानों की तलाशी ली. वह जय कॉर्प लिमिटेड (Jai Corp Limited) के निदेशक बताए जा रहे हैं. उनकी कंपनी और उससे जुड़ी अन्य फर्मों के दस्तावेज खंगाले गए. ED ने कई अहम कागजात और डिजिटल डेटा जब्त किए हैं. एजेंसी को उम्मीद है कि इन सबूतों से फंड डायवर्जन की पूरी साजिश सामने आएगी.
शराब घोटाले में भी ED का एक्शन
उधर, छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री की डिप्टी सेक्रेटरी रह चुकीं सौम्या चौरसिया को इस मामले में 16 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद ED ने उनसे तीन दिन की कस्टडी में पूछताछ की. मामला राज्य के सबसे बड़े आर्थिक घोटालों में से एक माना जा रहा है.
शुक्रवाक ED सौम्या चौरसिया को अदालत में पेश किया. एजेंसी का कहना है कि पूछताछ में कई अहम सुराग सामने आए हैं. जांच के दायरे में कई और लोगों की भूमिका भी सामने आ सकती है. ED को आशंका है कि अगर आरोपी को न्यायिक हिरासत में नहीं भेजा गया तो जांच प्रभावित हो सकती है. इसी आधार पर लंबी हिरासत की मांग की जा रही है.
सुमी राजाप्पन