दिल्ली की अदालत ने रेप के आरोपी को दी जमानत, जज ने कहा- महिला ने FIR में ये बातें छिपाई

Delhi Crime: दिल्ली की एक अदालत ने बलात्कार के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत दे दी है. अदालत का कहना है कि शिकायतकर्ता ने उसे लंबे समय से जानने के बावजूद एफआईआर में झूठा दावा किया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कपिल कुमार आरोपी धीरज कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे.

Advertisement
सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 जून 2025,
  • अपडेटेड 7:54 PM IST

दिल्ली की एक अदालत ने बलात्कार के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत दे दी है. अदालत का कहना है कि शिकायतकर्ता ने उसे लंबे समय से जानने के बावजूद एफआईआर में झूठा दावा किया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कपिल कुमार आरोपी धीरज कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. उसके खिलाफ दिल्ली के बेगमपुर पुलिस स्टेशन में बलात्कार और आपराधिक धमकी के मामले में केस दर्ज की गई थी.

Advertisement

27 मई के अदालती आदेश में कहा गया है कि एफआईआर में महिला ने दावा किया है कि 9 और 13 फरवरी को आरोपी ने उसका यौन उत्पीड़न किया और वह उसे नहीं जानती थी. आरोपी के वकील प्रदीप खत्री ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता महिला साल 2022 में सुरेश नामक व्यक्ति के घर में आरोपी धीरज कुमार के साथ रहती थी. उन्होंने अदालत को उस घर के मालिक के बयान का हवाला भी दिया.

अदालत ने इस तथ्य पर गौर करते हुए कहा कि एफआईआर में तथ्यों की विश्वसनीयता को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया गया है. इसमें महिला ने घटना से पहले आरोपी को नहीं जानने का बयान दर्ज किया था. इसने जांच अधिकारी की दलीलों पर गौर किया कि महिला लंबे समय से धीरज कुमार के संपर्क में थी. कॉल डिटेल रिकॉर्ड में महिला द्वारा आरोपी और उसकी मां किए गए सैकड़ों फोन कॉल दिखाए गए.

Advertisement

अदालत के इस आदेश में कहा गया है, "रिपोर्ट के अनुसार अभियोक्ता उस लड़की के संपर्क में थी, जिसके साथ आरोपी की शादी तय हुई थी. आईओ ने उस लड़की से पूछताछ की, जिसके साथ आरोपी की शादी तय हुई थी. अभियोक्ता और उस लड़की के बीच रिकॉर्ड पर मौजूद व्हाट्सएप चैट को सत्यापित किया, जिसमें अभियोक्ता ने उस लड़की से आरोपी से संबंध तोड़ने के लिए कहा था."

महिला का आरोपी के साथ संबंध पाया गया. इस तथ्य का उल्लेख एफआईआर में नहीं है. यह भी रिकॉर्ड में आया कि धीरज कुमार के भाई ने कई मौकों पर महिला के बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर किए. अदालत ने आगे कोई टिप्पणी करने से परहेज करते हुए कहा कि इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया है, लेकिन मुकदमे में समय लगेगा. यही वजह है कि आरोपी को फिलहाल जमानत दे दी गई है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement