दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 के दंगों से जुड़े साजिश के आरोपी जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को बुधवार को सात दिनों की अंतरिम जमानत दे दी. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी ने उमर को पारिवारिक शादी में शामिल होने के लिए ये राहत दी है.
उमर खालिद को साल 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे बड़ी साजिश का आरोपी माना जाता है. उस पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, उमर खालिद कोर्ट में लगातार इस बात से इनकार करता है कि दंगा भड़काने में उसका हाथ था.
इसी साल अप्रैल में हुई सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा था कि उमर खालिद के मोबाइल फोन डेटा से पता चला कि वो कुछ अभिनेताओं, राजनेताओं, कार्यकर्ताओं के संपर्क में था. उसने दिल्ली पुलिस के खिलाफ न्यूज पोर्टलों के जरिए कुछ लिंक भेजे थे.
ये लिंक जिनको भेजे गए उनसे अनुरोध किया गया कि वो इन्हें अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करें, ताकि एक विशेष नैरेटिव बनाया जा सके. सोशल मीडिया पर काफी फॉलोअर्स वाले लोगों के साथ खालिद की चैट का हवाला देते हुए गया कि उसने एक साजिश के तहत नैरेटिव को आगे बढ़ाया.
एसपीपी ने अदालत में एक वीडियो क्लिप भी चलाया था, जहां एक न्यूज पोर्टल द्वारा खालिद के पिता का साक्षात्कार लिया जा रहा था. एसपीपी ने कहा था कि उनके पिता ने कहा था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं है. इसलिए वे ट्रायल कोर्ट में आए हैं. इस तरह वे (उसके पक्ष में) माहौल बना रहे हैं.
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