Arunachal Espionage Case: अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर में सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर के दो युवकों को जासूसी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई खुफिया जानकारी मिलने के बाद अंजाम दी गई. शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि दोनों युवक लंबे समय से इलाके में रह रहे थे. यही कारण है कि पुलिस ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की. यह गिरफ्तारियां एक बड़े नेटवर्क की ओर इशारा कर रही हैं.
कश्मीर के कुपवाड़ा जिले से जुड़े हैं आरोपी
गिरफ्तार किए गए दोनों युवकों की पहचान नज़ीर अहमद मलिक और साबिर अहमद मीर के रूप में हुई है. दोनों जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के रहने वाले बताए गए हैं. पुलिस का दावा है कि दोनों युवक इटानगर में छोटे व्यवसाय करते थे, जिससे उनकी गतिविधियों पर किसी को शक नहीं हुआ. लेकिन संपर्क और गतिविधियों की गहराई से जांच करने पर कई संदिग्ध तत्व सामने आए हैं. इससे साफ हो गया कि उनकी मौजूदगी किसी बड़ी योजना का हिस्सा थी.
किराये के मकान से गिरफ्तारी
पुलिस के अनुसार, नज़ीर अहमद मलिक को 22 नवंबर को गंगा गांव में मौजूद एक किराये के मकान से गिरफ्तार किया गया. यह इलाका चिम्पू थाना क्षेत्र में आता है. खुफिया इनपुट में बताया गया था कि वह पहचान छिपाकर वहां रह रहा था. गिरफ्तारी के बाद उसके घर की तलाशी ली गई, जिसमें कई डिजिटल डिवाइस बरामद हुए हैं. उसके मोबाइल में मिले चैट, लोकेशन और फाइल्स ने उसकी जासूसी गतिविधियों की पुष्टि कर दी.
PAK हैंडलर्स को भेजी सैन्य जानकारी
पूछताछ में नज़ीर ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उसने स्वीकार किया कि वह भारतीय सेना और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती से जुड़ी जानकारी पाकिस्तानी हैंडलर्स को भेज रहा था. इसके अलावा उसने सैन्य ठिकानों, इंस्टॉलेशंस और मूवमेंट की डिटेल भी साझा की. पुलिस का दावा है कि नज़ीर को विदेशी हैंडलर्स की ओर से विस्फोटक लगाने और सुरक्षा प्रतिष्ठानों में आगजनी की योजना तैयार करने के निर्देश भी मिले थे. यह तथ्य जांच एजेंसियों के लिए बेहद गंभीर माना जा रहा है.
“अल-अक्सा” नाम से टेलीग्राम चैनल
नज़ीर के मोबाइल फोन की फॉरेंसिक जांच में एक अहम सुराग हाथ लगा है. उसके फोन में “Al AQSA” नाम के टेलीग्राम चैनल का डाटा और चैट मिला है. पुलिस इसे सुरक्षा संबंधी संवेदनशील जानकारी भेजने का माध्यम मान रही है. यह चैनल किसके नियंत्रण में है और यह नेटवर्क किस स्तर तक फैला है, इसकी जांच जारी है. तकनीकी टीम इस चैनल के जरिए जुड़े विदेशी संपर्कों को ट्रेस कर रही है.
ऐसे हुई दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी
नज़ीर से पूछताछ में मिले इनपुट के आधार पर पुलिस ने इटानगर के अबोटानी कॉलोनी से साबिर अहमद मीर को गिरफ्तार किया. पुलिस का कहना है कि साबिर को पाकिस्तान से आए निर्देशों के तहत अवैध रूप से पाक नागरिकों को भारत में दाखिल कराने का काम सौंपा गया था. इसके अलावा उससे हथियारों की सप्लाई और कूरियर की भूमिका निभाने की उम्मीद की जा रही थी. इस गिरफ्तारी से सुरक्षा एजेंसियों के सामने एक और बड़ा खतरा उजागर हो गया है.
बड़ा मॉड्यूल होने की आशंका
पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी इटानगर में छोटे कारोबार के जरिए अपना कवर बनाकर रह रहे थे. लेकिन उनकी गतिविधियां सामान्य नागरिकों जैसी नहीं थीं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया कि नज़ीर की अरुणाचल में मौजूदगी बेहद रणनीतिक हो सकती है. इससे संकेत मिलता है कि इस इलाके में एक बड़ा जासूसी मॉड्यूल सक्रिय किया जा रहा था. दोनों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
संगीन धाराओं में केस दर्ज
मामले में भारतीय न्याय संहिता, ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट और अरुणाचल प्रदेश एक्ट की कई गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस इस नेटवर्क के दायरे, लिंक और उद्देश्य की गहराई से जांच कर रही है. कानून व्यवस्था के इंस्पेक्टर जनरल चुखू आपा ने गिरफ्तारी की पुष्टि की, लेकिन मामले की संवेदनशीलता के चलते अधिक जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि यह एक विकसित होता केस है और आधिकारिक बयान जल्द जारी किया जाएगा.
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