देश में तेजी से बढ़ रहे ओमिक्रॉन के मामलों के बीच एक खबर थोड़ी राहत दे सकती है. SARS-COVID 19 वायरस के Omicron, Delta और Delmicron वैरिएंट पर हुए एक नए अध्ययन से पता चलता है कि डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट के म्यूटेशन से बने वायरस Delmicron का खतरा फिलहाल बहुत कम हो गया है.
Delmicron से डरने की ज़रूरत नहीं
ऑस्ट्रेलिया की विज्ञान एजेंसी कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (CSIRO) ने हाल ही में शोध किया है. इस शोध का नेतृत्व करने वाले CSIRO के COVID-19 प्रोजेक्ट लीडर प्रोफेसर एसएस वासन ने कहा, 'हमने 1 नवंबर 2021 तक, दुनिया के सबसे बड़े रिपॉजिटरी GISAID में 4.2 मिलियन कोरोना वायरस जीनोम सीक्वेंस देखे. इसमें 3688 रिकॉर्ड थे जिनमें N501Y के साथ-साथ P681R म्यूटेशन भी थे. यह सभी रिपोर्ट भारत सहित 65 देशों से ली गई थीं. लेकिन फ्रांस, तुर्की और अमेरिका में इन दोनों म्यूटेशन वाले वैरिएंट फैल नहीं पाए हैं.
कुछ समय पहले आई थी Delmicron के खतरे की खबर
कुछ ही दिनों पहले खबर आई थी कि 'विशेषज्ञों का मानना है कि Delmicron नाम का यह स्ट्रेन वास्तव में अमेरिका और यूरोप में कोविड सुनामी के लिए जिम्मेदार है. Delmicron, Delta और Omicron से मिलकर बना है. यह पश्चिम में तेजी से फैल रहे COVID-19 का डबल वैरिएंट है.' हालांकि, इस नए शोध से पता चलता है कि डेल्टा के प्रसार के लिए जिम्मेदार 'P681R' म्यूटेशन, 'N501Y' म्यूटेशन के साथ जुड़ गया है जो ओमिक्रॉन, अल्फा, बीटा और गामा में मौजूद है. यह कॉम्बिनेशन फैलता नहीं है.
इन वैरिएंट के डर से जान देने की कोशिश भी हुई
बता दें कि इस वैरिएंट को लेकर लोग बेहद डरे हुए थे. 22 दिसंबर को, दिल्ली में एक 23 वर्षीय महिला ने कोविड के नए वैरिएंट Delmicron के बारे में पढ़ने के बाद आत्महत्या करने की कोशिश की थी. उसके पिता, जो शहर के एक अस्पताल में जाने-माने डॉक्टर थे, डेल्टा के प्रकोप के दौरान लगभग अपनी जान गंवा चुके थे. डेल्टा और ओमाइक्रोन वेरिएंट के म्यूटेशन से बने इस नए स्ट्रेन ने उसे इतना डरा दिया कि वह अपने माता-पिता को फिर से खतरे में देखने के बजाय अपना जीवन समाप्त करना चाहती थी.
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि नए वैरिएंट के साथ पैनिक भी बढ़ गया है. सर गंगा राम अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ अनिल सचदेव ने आज तक से बात करते हुए कहा, 'महामारी के दौरान यह आम बात है- माता-पिता और बच्चों को सोशल मीडिया या दोस्तों के माध्यम से खबर मिलती है और वे पैनिक कर जाते हैं.'
मुंबई के फोर्टिस हीरानंदानी अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ फराह इंगले ने कहा, 'पैनिक से संक्रमण को कंट्रोल नहीं किया जा सकता, लेकिन प्रामाणिक जानकारी और सही उपाय करने से ऐसा होता है.'
गीता मोहन