ओमिक्रॉन के चलते देश के कई राज्य कोरोना की तीसरी लहर का सामना कर रहे हैं. हालांकि, आईसीएमआर के टॉप महामारी वैज्ञानिक सुमिरन पांडा का मानना है कि अगर देश में कोरोना गाइडलाइन का सही से पालन किया गया तो कोरोना के केस तीन महीने में कम होना शुरू हो जाएंगे.
साथ ही उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन के संपर्क में आना भी खुद में वैक्सीन जैसा हो सकता है.
'ओमिक्रॉन के संपर्क में आना वैक्सीन जैसा'
ICMR के प्रमुख महामारी वैज्ञानिक डॉ पांडा ने कहा कि वैक्सीन संक्रमित होने से नहीं रोकेगी. ये रोग संशोधित करने वाले टीके हैं. कोरोना के केस बढ़ेंगे. जब पांडा से पूछा गया कि कुछ विदेशी एक्सपर्ट का मानना है कि ओमिक्रॉन महामारी को खत्म करने में मदद कर सकता है, इस पर उन्होंने कहा, ओमिक्रॉन के संपर्क में आना भी खुद में वैक्सीन जैसा हो सकता है.
डॉ पांडा ने कहा, जैसे-जैसे अधिक से अधिक लोग संक्रमित हो रहे हैं, संक्रमण की गंभीरता खत्म होती जा रही है. ओमिक्रॉन के मामले में वैक्सीन से संक्रमण की गंभीरता को कम करने में मदद मिली है. हालांकि, हम नहीं जानते कि ओमिक्रॉन वृद्धों को किस तरह से प्रभावित करेगा, इसलिए हमें सावधानी बरतने की जरूरत है.
जब पांडा से ओमिक्रॉन और बाजारों में लग रही भीड़, न्यूईयर पर घूमने वाले स्थानों पर जमावड़ों और राजनीतिक रैलियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, अगर ये चार चीजें होती हैं, तो तीन महीने में कोरोना का कर्व समतल हो सकता है.
ये चार चीजें हैं-
-वैक्सीनेशन में पीछे रहने वाले राज्य टीकाकरण तेज करें.
-लोग भीड़ वाले स्थान पर जाने से बचें.
-अनावश्यक होने पर यात्रा न करें.
-वैक्सीनेशन कराने के साथ-साथ मास्क का इस्तेमाल करें.
अस्पताल में बढ़ेंगे मरीज
डॉ पांडा ने कहा, भारत में अगले कुछ हफ्तों में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ सकती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि मामले धीरे-धीरे बढ़ने लगे हैं और सही विश्लेषण कुछ हफ्तों बाद ही हो सकता है. उन्होंने कहा, 70% मरीजों में लक्षण नहीं हैं. जबकि 30% मरीजों में हल्के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. अस्पताल में भर्ती होने की प्रकृति चिंताजनक हो सकती है. लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए, भारत में अभी भी डेल्टा के केस सामने आ रहे हैं.
पुणे में ICMR के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में Omicron संस्करण पर रिसर्च चल रही है. ICMR ओमिक्रॉन पर कोवैक्सिन के प्रभाव का पता लगाने के लिए भी रिसर्च चल रही है. इससे पहले ICMR ने चार सीरो सर्वे कराए हैं, ताकि भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण का पता चल सके. आईसीएमआर के चौथे सीरो सर्वे में पता चला है कि मध्य प्रदेश में सबसे अधिक एंटीबॉडी 75.9% पाई गई और केरल में सबसे कम 44.4% थी.
मिलन शर्मा