इंडोनेशिया-मलेशिया में मरकज पर थी रोक, फिर भी मौलाना साद ने जमातियों को भारत बुलाया

पुलिस के अनुसार जब मरकज कार्यक्रम से पहला कोरोना का मामला सामने आया और एक इंडोनेशियाई नागरिक कोविड पॉजिटिव पाया गया तो मौलाना साद के लोगों की तरफ से सरकार को जानकारी दी गई कि मस्जिद के अंदर कुछ गिने-चुने लोग ही मौजूद हैं.

Advertisement
क्या तबलीगी जमात के लोगों की वजह से फैला कोरोना? क्या तबलीगी जमात के लोगों की वजह से फैला कोरोना?

चिराग गोठी

  • नई दिल्ली,
  • 27 जून 2020,
  • अपडेटेड 5:04 PM IST

  • सरकारी एजेंसियों से छिपाई गई जानकारी
  • इंडोनेशिया-मलेशिया ने मार्च में ही रोक दिए थे कार्यक्रम
मरकज मामले में क्राइम ब्रांच ने 36 देशों के खिलाफ 708 पेजों में 59 चार्जशीट दाखिए की है. इसमें 116 गवाह भी हैं. चार्जशीट में प्रत्येक दिन की जानकारी लिखी गई है. जिसके अनुसार निजामुद्दीन स्थित मरकज कार्यक्रम में कोरोना के प्रसार को रोकन के लिए सरकार को अनुमति नहीं दी गई थी. चार्जशीट के मुताबिक एजेंसियों से सभी जरूरी जानकारी छिपाई गई.

इंडोनेशिया और मलेशिया ने कोरोना को देखते हुए एहतियातन मार्च महीने में ही मरकज कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई थी. इसके बावजूद भारत में मौलाना साद ने दूसरे देशों के जमातियों को निमंत्रण भेजा, उन्हें बुलाया. पुलिस का दावा है कि अलग-अलग देशों से आए इन लोगों ने भारत में भी कोरोना वायरस को फैलाने में मदद की.

Advertisement

पुलिस के अनुसार जब मरकज कार्यक्रम से पहला कोरोना का मामला सामने आया और एक इंडोनेशियाई नागरिक कोविड पॉजिटिव पाया गया तो मौलाना साद के लोगों की तरफ से सरकार को जानकारी दी गई कि मस्जिद के अंदर कुछ गिने-चुने लोग ही मौजूद हैं. साथ ही जो लोग अंदर हैं उनके अंदर कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं.

कोरोना पर फुल कवरेज के लि‍ए यहां क्ल‍िक करें

मोहम्मद शहजाद नाम के एक शख्स ने इंडोनेशियाई नागरिक के संपर्क में आने वाले तीन लोगों का नाम बताया था, जिसमें से एक डॉक्टर थे. अब तक मरकज कार्यक्रम में शामिल होने वाले 6 लोगों की कोरोना की वजह से मौत हो चुकी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement