कोरोना: पैरामिलिट्री फोर्स में बढ़ रहा संक्रमण, 421 नए मामले आए सामने 

कोरोना का खतरा पैरामिलिट्री फोर्स  पर भी मंडराने लगा है. पिछले 24 घंटों में पैरामिलिट्री फोर्स के 421 जवानों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. BSF से 311 संक्रमण के मामले सामने आए हैं. 

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 14 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 12:43 AM IST
  • पैरामिलिट्री फोर्स में कुल 2207 एक्टिव केस
  • 24 घंटे में BSF में कोरोना के 311 नए केस 

देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर मचा रखा है. तेजी से संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसके साथ ही पैरामिलिट्री फोर्स को भी इस वायरस ने अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है. पैरामिलिट्री फोर्स से पिछले 24 घंटे में 421 नए मामले सामने आए हैं.  

जानकारी के मुताबिक CRPF में पिछले 24 घंटे में 28 कोरोना के केस सामने आए हैं, वहीं BSF में पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक 311 कोरोना संक्रमित मामलों की पुष्टि हुई है. CISF में पिछले 24 घंटे में 43 जवान कोरोना पॉजिटिव पाए गए. SSB में कोरोना के 8 केस पिछले 24 घंटे में सामने आए हैं. वहीं ITBP के पिछले 24 घंटे में 31 जवानों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक इस समय पैरामिलिट्री फोर्स में कुल 2207 एक्टिव कोरोना केस हैं.

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देश में कोरोना के हालात पर जताई चिंता 
बता दें देश में कोरोना वायरस के मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि देश में कोरोना से 1.25 फीसदी मौत हुई है. वहीं, 89.51 प्रतिशत लोग ठीक हुए हैं और 9.24 फीसदी सक्रिय मामले देश में हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अगर हम नए मामलों को देखें तो पिछली बार के सर्वाधिक आंकड़ों को यह पीछे छोड़ चुका है. यह चिंता का विषय है. रोजाना कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़ें भी बढ़ रहे हैं. पिछली बार अधिकम आंकड़ा 1114 था. अभी हमने 879 मौत के मामले दर्ज किए हैं. 


हल्दी दूध और च्यवनप्राश का करें सेवन
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वीके पॉल ने कहा कि हल्दी दूध, च्यवनप्राश और काढ़े का सेवन करें और ज्यादा से ज्यादा योगा करें जिससे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े. जो लोग पोस्ट कोविड से पीड़ित हैं. वह भी इन चीजों का पालन करें. इम्यूनिटी बूस्टर के लिए किसी प्रिसक्रिप्शन की जरूरत नहीं है. जब इतिहास लिखा जाएगा तो यह भी लिखा जाएगा कि इन पारंपरिक चीजों से भी संकट की घड़ी में मदद मिली थी.

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