MOTN: कोरोना के खिलाफ जंग में कैसे लड़ीं राज्य सरकारें, क्या है जनता की राय

राज्य सरकारें अपने प्रयासों में कितना कामयाब रहीं, इसके लिए आजतक ने मूड ऑफ द नेशन (MOTN) के जरिए लोगों का मिजाज जानने की कोशिश की, जिसमें 48 फीसदी लोग मानते हैं कि राज्य सरकारों ने अच्छा काम किया.

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कोरोना के खिलाफ जंग में कितना सफल रहीं राज्य सरकारें (पीटीआई) कोरोना के खिलाफ जंग में कितना सफल रहीं राज्य सरकारें (पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 5:38 PM IST

  • 23 फीसदी लोगों ने कहा कि राज्य सरकारों ने बहुत अच्छा काम हुआ
  • 22 फीसदी लोगों ने माना कि औसत काम हुआ, 7% ने कहा - खराब

कोरोना संकट को फैलने से रोकने के लिए देश के सभी राज्य सरकारों ने अपने स्तर पर काफी प्रयास किया. राज्य सरकारें अपने प्रयासों में कितना कामयाब रहीं, इसके लिए आजतक ने मूड ऑफ द नेशन (MOTN) के जरिए लोगों का मिजाज जानने की कोशिश की, जिसमें 48 फीसदी लोग मानते हैं कि राज्य सरकारों ने अच्छा काम किया.

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मूड ऑफ द नेशन सर्वे में लोगों से पूछा गया कि कोरोना से कैसे लड़ीं राज्य सरकारें, इस पर 48 फीसदी लोग मानते हैं कि राज्य सरकारों ने अच्छा काम किया, जबकि 23 फीसदी लोगों का कहना है कि बहुत अच्छा किया.

हालांकि 22 फीसदी लोग यह भी मानते हैं कि राज्य सरकारों ने इस मामले में औसत काम किया. 7 फीसदी लोग इसे खराब करार देते हैं.

मूड ऑफ द नेशन सर्वे में लोगों से यह भी पूछा गया कि दूसरे देशों के मुकाबले देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई किस तरह से लड़ी गई, इसमें 43 फीसदी लोगों का मानना है कि लड़ाई बेहतर रही. जबकि 48 फीसदी लोग बराबर करार देते हैं और 7 फीसदी लोगों का कहना है कि यह खराब रहा और 2 फीसदी लोगों ने कोई जवाब नहीं दिया.

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सर्वे में पूछा गया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैसे संभाला, इस पर 48 फीसदी लोग कहते हैं कि मोदी ने अच्छा काम किया, जबकि 29 फीसदी लोगों ने बहुत अच्छा बताया. तो वहीं 18 फीसदी लोग इसे औसत मानते हैं जबकि 5 फीसदी लोग खराब करार देते हैं.

आजतक के लिए यह सर्वे कर्वी इनसाइट्स लिमिटेड ने किया जिसमें 12,021 लोगों से बात की गई. इनमें से 67 फीसदी ग्रामीण जबकि शेष 33 फीसदी शहरी लोगों को शामिल किया गया. 19 राज्यों की कुल 97 लोकसभा और 194 विधानसभा सीटों के लोग सर्वे में शामिल किए गए.

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देश के जिन 19 राज्यों में सर्वे किया गया उनमें आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. ये सर्वे 15 जुलाई से 27 जुलाई के बीच किया गया. MOTN सर्वे में 52 फीसदी पुरुष, 48 फीसदी महिलाएं शामिल थीं.

सर्वे में अगर धर्म के नजरिए से देखा जाए तो 86 फीसदी हिंदू, 9 फीसदी मुस्लिम और 5 फीसदी अन्य धर्मों के लोगों से उनकी राय जानी गई. जिन लोगों पर सर्वे किया गया उनमें 30 फीसदी सवर्ण जाति, 25 फीसदी एससी-एसटी जाति और 44 फीसदी अन्य पिछड़े वर्ग के लोग शामिल थे.

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सर्वे में शामिल 57 फीसदी लोग 10 हजार रुपये महीने से कम की आमदनी वाले थे जबकि 28 फीसदी 10 से 20 हजार रुपये और 15 फीसदी 20 हजार रुपये महीने से ज्यादा कमाने वाले लोग थे. इस सर्वे के सैंपल में किसान, व्यापारी, छात्रों के अलावा नौकरीपेशा, बेरोजगार आदि को शामिल किया गया था.

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