स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया- मुंबई में किस फॉर्मूले की वजह से कोरोना संक्रमण दर में आई कमी

लव अग्रवाल ने कहा कि जैसे ही मरीजों को अस्पताल की जरूरत महसूस होती, उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया जाता. इस प्रोसेस की वजह से काफी राहत मिली. मुंबई में 800 एसयूवी को भी एंबुलेंस बनाया गया. इसे आईटी ऑपरेशन के द्वारा मॉनिटर किया जाता था.

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लव अग्रवाल, संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय (फाइल फोटो) लव अग्रवाल, संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2021,
  • अपडेटेड 10:09 PM IST
  • बीते 24 घंटे में 3,56,082 लोग हुए संक्रमण मुक्त
  • संक्रमण से उबरने के 72.28 प्रतिशत नए मामले 10 राज्यों से
  • कर्नाटक में एक दिन में सबसे अधिक 39,305 नए मामले

देश में 24 घंटे के दौरान उपचाराधीन रोगियों की संख्या में 30,016 की कमी आई है, जिसके बाद मरीजों की संख्या मंगलवार को घट कर 37,15,221 हो गई है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि 61 दिनों में पहली बार ऐसा हुआ है कि संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या नए संक्रमितों की संख्या से अधिक रही. देश में अब तक संक्रमित पाए गए लोगों में से 16.16 प्रतिशत का फिलहाल इलाज चल रहा है.

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वहीं मुंबई में कम हो रहे कोरोना संक्रमण मामले को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि मुंबई एक बड़ा शहर है. वहां कॉरपोरेशन (बीएमसी) और राज्य सरकार ने जो कदम उठाए वहां के प्रोसेस को आसान किया. हम बताना चाहते हैं. कंट्रोल रूम जो उनका था, मुंबई कॉरपोरेशन के स्तर पर न करते हुए, उसको 24 वॉर्ड में 24 कंट्रोल रूम बनाए गए.

उन्होंने आगे कहा, ''जितने भी कोरोना टेस्ट रिजल्ट आते थे, उन टेस्ट रिजल्ट को मेन कंट्रोल रूम में भेजा गया. उसके बाद सभी कंट्रोल रूम में न सिर्फ फोन ऑपरेटर, वहां डॉक्टर और अन्य स्टाफ भी तैनात किए गए. एंबुलेंस को तैनात किया गया.''

लव अग्रवाल ने कहा कि जैसे ही मरीजों को अस्पताल की जरूरत महसूस होती. मरीजों को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया जाता. इस प्रोसेस की वजह से काफी राहत मिली. मुंबई में 800 एसयूवी को भी एंबुलेंस बनाया गया. इसे आईटी ऑपरेशन के द्वारा मॉनिटर किया जाता था. अस्पताल में बेड पता करने के लिए, एक सेंट्रलाइज डैशबोर्ड बनाया गया. ताकि मरीजों को परेशानी नहीं हो.

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उन्होंने आगे कहा कि भारत सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार बहुत से प्रांतों में भी इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. लव अग्रवाल ने कहा कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़ समेत 18 राज्यों में रोजाना संक्रमण के मामलों में गिरावट देखी जा रही है.

उन्होंने कहा कि नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन की वजह से केस में कमी आ रही है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लोग लापरवाही बरतें. अभी भी पूरी सावधानी रखनी होगी. सभी का सहयोग जरूरी है.

किन्हें दी गई कोविड रोधी टीकों की खुराक

इस बीच मंत्रालय ने यह भी बताया कि देश में कोविड-19 रोधी टीकों की 17.27 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं. सुबह सात बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार 25,15,519 सत्रों में कुल 17,27,10,066 खुराकें दी जा चुकी हैं.

मंत्रालय ने बताया कि इनमें से 95,64,242 स्वास्थ्यकर्मियों को पहली जबकि 65,05,744 स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है. वहीं, अग्रिम मोर्चे पर तैनात 1,40,54,058 कर्मचारी टीके की पहली खुराक ले चुके हैं, जबकि 78,53,514 कर्मचारियों को दूसरी खुराक दी जा चुकी हैं. अठारह से 44 साल के 25,59,339 लोग टीके की पहली खुराक ले चुके हैं.

इसके अलावा, 45 से 60 साल की आयु के 5,55,10,630 लोग पहली, जबकि 71,95,632 लोग दूसरी खुराक ले चुके हैं. साठ वर्ष से अधिक आयु के 5,38,06,205 लोगों को पहली जबकि 1,56,60,702 लोगों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है.

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