कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर अमेरिकी फार्मा कंपनी 'pfizer' और केंद्र सरकार संपर्क में

COVID-19 Vaccine: जानकारी के मुताबिक pfizer के इस संबंध में अमेरिका, ब्रिटेन और जापान के साथ सप्लाई एग्रीमेंट पर दस्तखत हो चुके हैं. हालांकि, भारत जैसे बड़े और अधिक आबादी वाले देश के लिए लॉजिस्टिक्स के संदर्भ में बहुत सी बातों पर गौर करने की जरूरत है. भारतीय वैक्सीन विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि इस तरह के आरएनए वैक्सीन के स्टोरेज के लिए माइनस 70 डिग्री सेल्सियस की जरूरत होती है.

Advertisement
Covid19 Vaccine Covid19 Vaccine

मिलन शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 11 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:08 PM IST
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने संकेत दिए कि वो pfizer के साथ बातचीत के लिए तैयार है
  • भारत को अभी pfizer के साथ किसी समझौते पर दस्तखत करना बाकी है

COVID-19 Vaccine: अमेरिका स्थित दिग्गज फार्मा कंपनी 'pfizer' और जर्मन ‘BioNTech' ने जैसे ही ऐलान किया कि COVID-19 को लेकर उनकी वैक्सीन ट्रायल में 90% से ज्यादा कारगर रही है, पूरी दुनिया में महामारी के प्रभावी इलाज को लेकर उम्मीद बन गई. भविष्य में वैक्सीन को जैसे ही अनुमोदन मिलेगा, भारत में उसकी उपलब्धता को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रयास शुरू कर दिए हैं.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को संकेत दिए कि वैक्सीन निर्माता pfizer के साथ बातचीत के लिए वह तैयार है. स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने COVID-19 पर ब्रीफिंग के दौरान कहा, "वैक्सीन को लेकर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप सभी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निर्माताओं के साथ संपर्क में है. हम सभी वैक्सीन के रेग्युलेटरी एप्रूवल्स को देखते हैं और वैक्सीन के रेफ्रिजेरेशन के लिए संसाधनों पर भी गौर करते हैं. यह एक निरंतर बदलने वाला समीकरण है. जैसे ही एप्रूवल आते हैं और स्थिति बदलती है, हम आपको सूचित करेंगे.”  

Advertisement

देखें: आजतक LIVE TV

आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक, भारत को अभी pfizer के साथ किसी समझौते पर दस्तखत करना बाकी है, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संकेत दिया है कि वो इस दिशा में बातचीत के लिए तैयार है. वैक्सीन के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए भारत में मंजूरी हासिल करने से पहले ड्रग कंट्रोलर जनरल इंडिया (DCGI) के जरिए देश में क्लिनिकल ट्रायल्स के दौर से गुजरना जरूरी होगा.

फार्मा मेजर pfizer ने इंडिया टुडे को आधिकारिक बयान में बताया, “मौजूदा अनुमानों के मुताबिक कंपनी की ओर से 2020 में 5 करोड़ वैक्सीन डोज का उत्पादन होगा. ये 2021 में बढ़कर 1.3 अरब डोज तक पहुंच जाएगा. अगर हमारी वैक्सीन कैंडीडेट कामयाब होती है तो pfizer की ओर से उपलब्ध डोज को उन देशों को बांटा जाएगा जिनसे हमारा सप्लाई एग्रीमेंट होगा. हम भारत सरकार के साथ अपने संवाद को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि यह वैक्सीन देश में उपयोग के लिए उपलब्ध हो सके.'' 

Advertisement

जानकारी के मुताबिक pfizer के इस संबंध में अमेरिका, ब्रिटेन और जापान के साथ सप्लाई एग्रीमेंट पर दस्तखत हो चुके हैं. हालांकि, भारत जैसे बड़े और अधिक आबादी वाले देश के लिए लॉजिस्टिक्स के संदर्भ में बहुत सी बातों पर गौर करने की जरूरत है. भारतीय वैक्सीन विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि इस तरह के आरएनए वैक्सीन के स्टोरेज के लिए माइनस 70 डिग्री सेल्सियस की जरूरत होती है.

क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी), वेल्लोर के वैक्सीन वैज्ञानिक और माइक्रोबायोलॉजी के प्रोफेसर डॉ गगनदीप कांग ने कहा, "इस आरएनए वैक्सीन को अल्ट्राकोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता है. बायोएनटेक की कीमत पर स्थिति अस्पष्ट है लेकिन मॉडर्ना की एक डोज 37 डॉलर की है. ऐसे में कम संसाधन वाले देशों के लिए दबाव अधिक होगा. उनके लिए वैक्सीन के महंगी होने के साथ उसकी डिलिवरी में लॉजिस्टिक्स से जुड़ी समस्याएं भी पेश आएंगी.”   

फाइनल ट्रायल्स में उम्मीद जगने के बाद भी अभी बहुत कुछ जानना बाकी है. डॉ कांग ने कहा, “वैक्सीन टेस्टिंग में शुरुआती बेहतर रिजल्ट दिखाती हैं इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि हमआखिर में कितना असरदार रहते हैं.”

करीब 40,000 वॉलंटियर्स में से अभी सिर्फ 94 स्वस्थ प्रतिभागियों के अंतरिम नतीजे जारी किए गए हैं, जिन्हें संबंधित वैक्सीन कैंडीडेट की डोज को इंजेक्ट किया गया था. pfizer को अभी दो महीने के सेफ्टी फॉलोअप डेटा को जारी करना बाकी है, जिसमें चेक होगा कि गंभीर COVID-19 मरीजों पर वैक्सीन कितनी कारगर रही. pfizer को इसके बाद अमेरिका के एफडीए (फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन) से इमरजेंसी ऑथोराइजेशन एप्रूवल लेना होगा, जिसमें नवंबर के तीसरे सप्ताह तक का समय लग सकता है.  

Advertisement

ये भी पढ़ें

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement