बिहार के बक्सर जिले में कोरोना संक्रमण उफान पर है. संक्रमण के इस दौर में बक्सर के अस्पतालों में जो स्थिति है, वह जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सारी तैयारियों की पोल खोल रही है. सभी इंतजाम हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. अस्पतालों की स्थिति यह है कि बगल में कोरोना मरीज का शव घंटों तक पड़ा रहता है और उसी हालात में डॉक्टरों को दूसरे मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है. वहीं, एक दूसरा वीडियो सामने आया है जिसमें लाशों को घसीट कर ले जाया जा रहा है.
दरअसल, वायरल वीडियो में कोरोना मरीजों की लाशों के साथ हो रही बर्बरता को देखा जा सकता है. इसमें श्मशान घाट पर कोरोना मरीज की लाशों को घसीट कर ले जाने वाले वीडियो में संवेदनहीनता की सभी हदों को पार कर दिया है. ऐसे में जब इस मामले में सदर एसडीओ के के उपाध्याय से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ये गंभीर मामला है और इसकी जांच की जाएगी.
दूसरी तरफ घंटों तक कोरोना संक्रमितों के शव बेड पर ही पड़े रहने का भी मामला प्रकाश में आया है जिसमें प्रशासन की लापरवाही साफ दिखाई पड़ रही है. कोरोना महामारी में प्रशासन तो फेल हो ही रहा है, तो वहीं अपने रिश्तेदार भी परायों की तरह का व्यवहार करने के लिए मजबूर हैं. आलम ये है कि इस कोविड-19 काल में अपने माता-पिता और संबंधियों का शव तक लेने से लोग परहेज कर रहे हैं.
ऐसे ही नगर थाना क्षेत्र की रहने वाली 54 वर्षीय कोरोना संक्रमित महिला के साथ हुआ. महिला का इलाज जिला कोविड-19 केयर सेंटर में चल रहा था. 25 अप्रैल की शाम 6 बजे महिला की मौत हो गई. ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों ने बार-बार मृत महिला के परिजनों को सूचना दी लेकिन कोई शव लेने नहीं पहुंचा. अपनो के इंतजार में शव 20 घंटे तक बेड पर ही पड़ा रहा. शव की मौजूदगी में ही खड़े होकर चिकित्सकों को दूसरे मरीजों का इलाज करना पड़ा. बाद में, महिला के परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया. जब इस मामले के बारे में जिला प्रशासन को पता चला तो अधिकारियों ने पहल कर नगर परिषद के कर्मचारियों से संक्रमित महिला का अंतिम संस्कार कराया.
दूसरा मामला डुमराव कोविड-19 केयर सेंटर का है. जहां इलाज के दौरान रात 12 बजे एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई. चिकित्सकों की सूचना के बाद शव लेने पहुंचे तो परिजनों को 14 घंटे तक इंतजार करना पड़ा. उसके बाद भी जब एम्बुलेंस नहीं मिली तो परिजनों को खुद ही गाड़ी की व्यवस्था की और शव को लेकर श्मशान ले गये. परिजनों ने बताया कि कोविड-19 केयर सेंटर के अंदर सुविधाओं का घोर अभाव है. रूई से लेकर सुई तक मरीज के परिजनों को बाहर से खरीदकर लाना पड़ता है. बाहर में दुकानदार 25 रुपये की दवा 150 रुपये में देते हैं.