Equity Mutual Fund पर विश्वास कायम, फरवरी में शानदार 19,705 करोड़ रुपये का निवेश

Equity Mutual Fund: फरवरी लगातार 12वां महीना रहा, जब शुद्ध रूप से इक्विटी म्यूचुअल फंड में मंथली निवेश बढ़ा है. वह भी शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और विदेश संस्थागत निवेशकों द्वारा बिकवाली जारी रहने के बीच.

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म्यूचुअल फंड को लेकर निवेशकों में विश्वास कायम म्यूचुअल फंड को लेकर निवेशकों में विश्वास कायम

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:00 AM IST
  • मार्च- 2021 से लगातार म्यूचुअल फंड निवेश में इजाफा
  • शेयर बाजार में गिरावट से निवेश घबराए

पिछले कुछ महीनों से शेयर बाजार (Share Market) में दबाव देखा जा रहा है, खासकर फरवरी महीने में लगातार गिरावट का सिलसिला जारी रहा. निवेशक शेयर बाजार में पैसे लगाने से बचते दिखे. क्योंकि रूस-यूक्रेन तनाव के साथ-साथ कई और वजहों से शेयर बाजार में हरियाली नहीं लौट पा रही थी.

बाजार में गिरावट के बीच म्यूचुअल फंड में निवेश

लेकिन इस गिरावट के बीच भी निवेशकों में म्यूचुअल फंड को लेकर विश्वास कायम दिखा, खासकर इक्विटी म्यूचुअल में निवेश महीने-दर-महीने बढ़ा है. इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund) में फरवरी, 2022 में 19,705 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया है. 

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दरअसल, फरवरी लगातार 12वां महीना रहा, जब शुद्ध रूप से इक्विटी म्यूचुअल फंड में मंथली निवेश बढ़ा है. वह भी शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और विदेश संस्थागत निवेशकों द्वारा बिकवाली जारी रहने के बीच.

जनवरी के मुकाबले फरवरी में इजाफा 

म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) कंपनियों के निकाय एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक यह आंकड़ा जनवरी, 2022 में 14,888 करोड़ रुपये और दिसंबर, 2021 में 25,077 रुपये था. 

इक्विटी यानी शेयर बाजार में निवेश से जुड़ी योजनाओं में शुद्ध रूप से प्रवाह मार्च, 2021 से लगातार जारी है और इस दौरान शुद्ध रूप से 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का पूंजी निवेश हुआ. यह म्यूचुअल फंड की इक्विटी से जुड़ी योजनाओं के प्रति निवेशकों के सकारात्मक रुझान को दर्शाता है. 

इससे पहले इस तरह की योजनाओं से लगातार आठ माह जुलाई, 2020 से फरवरी 2021 के बीच 46,791 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी. उद्योग के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (AUM) फरवरी के अंत में घटकर 37.56 लाख करोड़ रुपये रह गईं, जो जनवरी के अंत में 38.01 लाख करोड़ रुपये थीं.

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