दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान (Pakistan) की जनता हर दिन और बदहाल होती जा रही है. लोगों को जहां खाने के लाले पड़े हैं, उस पर सरकार राहत देने के बजाय उनपर बोझ बढ़ाती जा रही है. अब कंगाल पाकिस्तान ने ऐसा कदम उठाया है, जो पहले से महंगाई (Pakistan Inflation) की मार झेल रही देश की जनता को बर्बाद करने वाला साबित हो सकता है.
जनता देखेगी और बुरे दिन!
सबसे बड़ा आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) ने सबके सामने हाथ फैला लिए, लेकिन कोई उसके काम नहीं आया. अब उसकी आखिरी आस अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से मिलने वाली मदद पर टिकी है. आईएमएफ ने भी बेलआउट पैकेज रिलीज करने के लिए पाकिस्तान के सामने ऐसी कड़ी शर्तें रखी हैं, जो आर्थिक बदहाल देश के लिए पैसों की किल्लत के साथ दूसरी बड़ी समस्या बन गई है. हालांकि, पाकिस्तान के सामने इन्हें मानने के अलावा और कोई विकल्प भी नहीं बचा है. अब पाकिस्तान ने आईएमएफ की सबसे कड़ी शर्त भी मान ली है, जिससे लोगों को और बुरे दिन देखने पड़ सकते हैं.
सरकार को माननी पड़ी IMF की शर्त
IMF की ओर से आर्थिक मदद दिए जाने के बदले देश में कई जरूरी चीजों पर टैक्स बढ़ाने (Tax Hike In Pakistan) की शर्त रखी गई थी. अब पाकिस्तान असेंबली ने मंगलवार 21 फरवरी 2023 को कई वस्तुओं पर टैक्स में इजाफा करने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी है. ऐसे में रोटी-पानी से लेकर गैस-पेट्रोल के लिए तरस रहे लोगों की जिंदगी और मुश्किल होना तय माना जा रहा है. यहां बता दें कि देश में महंगाई दर 30 फीसदी के करीब है, रोजमर्रा के जरूरी सामान भी लोगों की पहुंच से दूर होते जा रहे हैं.
देश का सरकारी खजाना खाली!
अपने इतिहास के सबसे बड़े संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan Crisis) के पास आईएमएफ की इस शर्त को मानने के अलावा कोई ऑप्शन भी नहीं है. हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि देश के रक्षा मंत्री ने तो ये तक कह दिया है कि हम दिवालिया होने की कगार पर नहीं, बल्कि एक दिवालिया मुल्क में रह रहे हैं.
पाकिस्तान को तत्काल आर्थिक मदद की बेहद जरूरत है, क्योंकि देश का सरकारी खजाना लगभग खाली हो चुका है. आंकड़ों को देखें तो पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार (Pakistan Forex Reserve) बीते दिनों 3 अरब डॉलर के नीचे पहुंच चुका है. इसका मतलब ये है कि पाकिस्तान के पास महज इतना पैसा बचा कि वो दो से तीन हफ्ते का ही आयात करने में सक्षम है.
शर्त मानने पर मदद की उम्मीद बढ़ी
Pakistan National Assembly द्वारा टैक्स रेवेन्यू बढ़ाने के प्रस्ताव वाले जिस बिल को पारित किया है, उसे फाइनेंस (सप्लमेंटरी) बिल, 2023 कहा है. IMF की इस शर्त को लागू करने से देश को रुके हुए 1.1 अरब डॉलर का लोन मिलने की उम्मीद बढ़ गई है. हालांकि, कई वैश्विक एजेंसियों ने कहा है कि ये मदद भी पाकिस्तान के आर्थिक संकट को दूर नहीं कर सकेगी.
मोबाइल समेत कई लग्जरी सामान महंगे
पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया जियो न्यूज के मुताबिक, फाइनेंस (सप्लमेंटरी) बिल, 2023 पारित होने के बाद जो बोझ बढ़ने वाला है उसपर एक नजर डालें, तो लग्जरी सामानों पर अभी लगने वाला 17% सेल्स टैक्स बढ़कर 25% हो जाएगा. सामान्य सेल्स टैक्स में भी एक फीसदी की बढ़ोतरी होगी और ये 17 से 18% होगा.
इतना ही नहीं लोगों के लिए शादी के हॉल बुक करना महंगा होगा और मोबाइन समेत अन्य सामानों के दाम बढ़ेंगे. साफ शब्दों में कहें तो महंगाई से त्राहि-त्राहि कर रही जनता की जेब में जो कुछ बचा भी है वो भी अब कम बचेगा.
गरीबों के साथ अमीरों की मुसीबत बढ़ी
डॉन की एक रिपोर्ट की मानें तो IMF चीफ Kristalina Georgieva ने पाकिस्तान को कर्ज देने के मामले में खुले शब्दों में कहा था कि उसे इसके लिए सख्त कदम उठाने होंगे. उन्होंने सलाह दी थी कि पाकिस्तान में ज्यादा कमाई करने वालों पर टैक्स बढ़ाने से बिगड़ते हालातों को कुछ हद तक संभाला जा सकता है. अब पारित हुए इस बिल में ज्यादा कमाई करने वाले लोगों का खर्च भी बढ़ाया गया है. हवाई जहाज में बिजनेस क्लास में यात्रा करने के लिए उन्हें ज्यादा खर्च करना होगा .
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