सोमवार यानी 1 दिसंबर भारतीय शेयर बाजार के बेहद अहम रहने वाला है. निवेशकों की नजरें शुक्रवार से ही गिफ्ट निफ्टी (Gift Nifty) की गतिविधियों पर टिकी हैं. क्योंकि बाजार बंद होने के बाद चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी के नतीजे आए हैं. जिसपर सोमवार को बाजार अपना रिएक्शन देगा.
दरअसल, दूसरी तिमाही के GDP आंकड़ों ने सबको चौंका दिया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 8.2% की दर से बढ़ा, जो कि पिछले साल की इसी अवधि की 5.6% और पिछले क्वार्टर की 7.8% से कहीं बेहतर है.
बता दें, तमाम ग्लोबल और डोमेस्टिक रेटिंग एजेंसियों ने दूसरी तिमाही में 7.0 से 7.3% तक जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया था, यानी सभी अनुमान से बेहतर जीडीपी आंकड़े आए हैं. केंद्रीय रिजर्व बैंक(RBI) ने भी दूसरी तिमाही में 7% जीडीपी ग्रोथ रहने का अनुमान लगाया था. अब जीडीपी के आंकड़ों ने सबको चौंका दिया है तो फिर सोमवार को बाजार भी लोगों का सरप्राइज कर सकता है. क्योंकि दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ के आंकड़े पिछले 6 तिमाही में सबसे ज्यादा है.
सोमवार पर बाजार पर रहेगी नजर
बता दें, पिछले हफ्ते ही शेयर बाजार ने 14 महीने के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए ऑल टाइम हाई बनाया था. सेंसेक्स-निफ्टी बिल्कुल ऑल टाइम हाई के करीब है. निफ्टी शुक्रवार को मामूली 12 अंक गिरकर 26,202.95 पर बंद हुआ. जबकि सेंसेक्स 13 अंक गिरकर 85,706.67 पर बंद हुआ. अब तमाम जानकार अनुमान लगा रहे हैं कि सोमवार को बाजार में तेजी देखने को मिल सकती है.
हालांकि कुछ जानकार रेंज बाउंड ट्रेड की भी बात कर रहे हैं. टेक्निकल चार्ज पर निफ्टी का सपोर्ट जोन करीब 26,100–26,000 और रेसिस्टेंस जोन 26,300–26,350 बताये जा रहे हैं. अगर सोमवार को Nifty 26,300- 26,350 के ऊपर बंद हुई, तो 26,600- 26,650 तक की चाल देखने को मिल सकती है.
जीडीपी के आंकड़े ट्रिगर प्वाइंट?
निफ्टी को 26500 पार के कोई बड़ा ट्रिगर चाहिए. फिलहाल में जीडीपी का आंकड़ा एक बड़ा ट्रिगर प्वाइंट माना जा सकता है. ग्लोबल संकेत भी अच्छ दिख रहे हैं. डाओ फ्यूचर में आधी फीसदी की तेजी देखी जा रही है. वहीं Gift Nifty सोमवार को बाजार में तेजी के संकेत दे रहे हैं. Gift Nifty में आधी फीसदी यानी करीब 130 अंकों की तेजी देखी जा रही है. यानी ग्लोबल मूड-माहौल ठीक रहा तो सोमवार को बाजार की चाल अच्छी रह सकती है.
इसके अलावा वैश्विक संकेत जैसे कि फेडरल रिज़र्व की नीतियों, डॉलर और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक माहौल बेहतर संकेत दे रहे हैं, जिससे निवेशकों का मूड प्रोत्साहित रहेगा. हालांकि पिछले दिनों की तेजी के बाद से सेलेक्टिव प्रॉफिट-बुकिंग का दबाव बन सकता है.
(नोट: शेयर बाजार में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें)
आजतक बिजनेस डेस्क