PAK का सबसे बड़ा बैंक US में बैन, लगा 1400 करोड़ का जुर्माना

आतंकी गतिविधियों को लेकर पाकिस्तान के कान मरोड़ने वाले अमेरिका ने पाक को एक और करारा झटका दिया है. यूएस ने पाक के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक हबीब बैंक को न्यूयॉर्क स्थित उसकी शाखा को बंद करने का आदेश दिया है.

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अमेरिका ने पाक के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक को देश से किया बाहर अमेरिका ने पाक के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक को देश से किया बाहर

विकास जोशी

  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 3:20 PM IST

आतंकी गतिविधियों को लेकर पाकिस्तान के कान मरोड़ने वाले अमेरिका ने पाक को एक और करारा झटका दिया है. यूएस ने पाक के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक हबीब बैंक को न्यूयॉर्क स्थित उसकी शाखा को बंद करने का आदेश दिया है. बैंक पर टेरर फंडिंग की वजह से यह कार्रवाई हुई है. यही नहीं, न्यूयॉर्क वित्तीय विभाग (डीएफएस) ने बैंक पर नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में तकरीबन 1400 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

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 एचबीएल ने नहीं माने नियम

डीएफएस ने पिछले महीने कहा था कि वह हबीब बैंक पर करीब 4 हजार करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने पर विचार कर रही है. लीगल फाइलिंग में डीएफएस ने आरोप लगाया है कि बैंक एंटी मनी लॉन्ड्र‍िंग मामलों में नियमों को फॉलो करने में फेल हुआ है. हबीब बैंक की अमेरिका में यह एकमात्र ब्रांच थी.

सेटलमेंट के लिए तैयार हुआ बैंक

डीएफस ने साफ किया कि हबीब बैंक (एचबीएल) इस मामले में सेटलमेंट के लिए तैयार हो गया है. सेटलमेंट के तहत वह जुर्माने की रकम का एक हिस्सा ही भरेगा. इसके साथ ही वह न्यूयॉर्क स्थित अपनी ब्रांच को कुछ शर्तों के साथ बंद कर देगा.

 

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अपराधियों के ट्रांजैक्शन किए पास  

पाकिस्तान के हबीब बैंक की दिक्कतें 2016 से शुरू हुईं. दरअसल इस दौरान डीएफएस ने बैंक के रिस्क मैनेजमेंट का रिव्यू किया. इसमें सामने आया कि बैंक ने हजारों ट्रांजैक्शन की सही तरीके से जांच नहीं की. बैंक ने कई अपराधियों और प्रतिबंधित संस्थाओं के ट्रांजैक्शंस को बिना जांच के पास कर दिया.

अभी नहीं छूटी है बैंक की जान

डीएफएस की एक अधिकारी ने बताया कि बैंक को कई बार अपनी गलती सुधारने का मौका दिया गया, लेकिन बैंक ने इसमें लापरवाही बरती. उसकी तरफ से इस मामले में कोई कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने साफ किया कि यूएस में ब्रांच बंद कर देने से हबीब बैंक की परेशानी खत्म नहीं हो जाएगी. अधिकारी ने साफ किया कि एचबीएल को अपनी लापरवाही के लिए पूरी कीमत चुकानी होगी.

 

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