मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उनके इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि वह निजी वजहों से इस पद से इस्तीफा दे रहे हैं. मोदी सरकार के 4 साल के कार्यकाल में अरविंद से पहले तीन और अधिकारी अपना पद छोड़ चुके हैं.
मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर काम करने वाले अरविंद सुब्रमण्यन ने बुधवार को बताया कि वह अमेरिका लौट रहे हैं. अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर काम करने को बेस्ट जॉब बताया और वित्त मंत्री अरुण जेटली को बेस्ट बॉस. उन्होंने जानकारी दी कि वह सितंबर में अपना पद छोड़ सकते हैं.
पिछले साल अरविंद पनगड़िया ने नीति आयोग के वाइस चेयरमैन के पद से इस्तीफा दे दिया था. इस दौरान उन्होंने बताया था कि वह वापस कोलंबिया यूनिवर्सिटी में लौटना चाहते हैं. जहां वह फिर से टीचिंग से जुड़ेंगे. पनगड़िया ने ढाई साल तक नीति आयोग के वाइस चेयरमैन का पद संभाला.
जून 2016 में भारतीय रिजर्व बैंक के तत्कालीन गवर्नर रघुराम राजन ने केंद्रीय बैंक के कर्मचारियों को एक पत्र लिखा. इसमें उन्होंने बताया कि वह सितंबर में अपना कार्यकाल खत्म होने पर वापस टीचिंग करने के लिए लौटना चाहेंगे. हालांकि उनके जाने को लेकर काफी चर्चा भी हुई. कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया गया कि वह गर्वनर के तौर पर दूसरा कार्यकाल जारी रखना चाहते थे, लेकिन सरकार के साथ पटरी न बैठने की वजह से वह ऐसा नहीं कर रहे हैं.
स्वच्छ भारत अभियान को एक साल भी पूरा नहीं हुआ था और इस अभियान की प्रमुख विजय लक्ष्मी जोशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. गुजरात काडर की आईएएस ऑफिसर विजयलक्ष्मी जोशी ने अपना इस्तीफा देने के लिए निजी वजहों का हवाला दिया. 1980 बैच की अधिकारी विजयलक्ष्मी ने अपने पद से वॉलिंटियरी रिटायरमेंट मांगा, जिसे केंद्र सरकार ने भी सहर्ष स्वीकार कर लिया.
विकास जोशी