भारत की अर्थव्यवस्था में एनआरआई निवेश की भूमिका लगातार बढ़ रही है, और इसका एक प्रमुख हिस्सा रियल एस्टेट सेक्टर है. भारत में संपत्ति खरीदना अब एनआरआई के लिए सिर्फ एक भावनात्मक फैसला नहीं, बल्कि एक स्मार्ट वित्तीय रणनीति बन गया है.
NRI भारत में रियल एस्टेट में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं. इस निवेश के पीछे कई कारण हैं, जिनमें रुपए का गिरता मूल्य, कम ब्याज दरें और भारतीय बाजारों में बढ़ती स्थिरता शामिल है. नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारतीय रियल एस्टेट में कुल निजी इक्विटी निवेश में से 50% हिस्सेदारी के साथ मुंबई सबसे पसंदीदा स्थान है.
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एनआरआई के बीच भारत में रियल एस्टेट निवेश के लिए कई शहर लोकप्रिय हैं. ये शहर आमतौर पर अच्छे बुनियादी ढांचे, नौकरी के अवसरों और बेहतर कनेक्टिविटी की वजह से निवेशकों को आकर्षित करते हैं.
मुंबई: मुंबई भारत की वित्तीय राजधानी है और एनआरआई निवेश के लिए एक प्रमुख केंद्र है. यहां के लग्जरी और उच्च-मूल्य वाले प्रॉपर्टी मार्केट में एनआरआई बहुत रुचि लेते हैं. 2024 में, मुंबई ने भारतीय रियल एस्टेट में कुल निजी इक्विटी निवेश का 50% हिस्सा प्राप्त किया, जो इसे सबसे पसंदीदा स्थान बनाता है.
हैदराबाद: हैदराबाद भी एनआरआई निवेशकों के लिए एक उभरता हुआ शहर है. यह बेहतरीन बुनियादी ढांचा और उचित मूल्य वाली रियल एस्टेट सुविधाएं प्रदान करता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में यह एनआरआई के लिए रियल एस्टेट में निवेश करने के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक के रूप में उभर रहा है.
बेंगलुरु: भारत की सिलिकॉन वैली के रूप में जाना जाने वाला बेंगलुरु, IT हब होने के कारण एनआरआई के लिए एक पसंदीदा स्थान है. यहां के मजबूत IT सेक्टर और नौकरी के अवसर रियल एस्टेट की मांग को बढ़ाते हैं.
दिल्ली-एनसीआर: एनसीआर क्षेत्र, जिसमें गुरुग्राम भी शामिल है, एनआरआई के लिए एक लोकप्रिय रियल्टी हॉटस्पॉट बन गया है. यहां के लग्जरी प्रोजेक्ट्स में एनआरआई का भारी निवेश देखा गया है, खासकर गुरुग्राम में.
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एनआरआई द्वारा भारत में रियल एस्टेट में निवेश करने के कई कारण हैं.
भारत में रियल एस्टेट बाजार ने पिछले कुछ वर्षों में स्थिरता दिखाई है, जिससे एनआरआई का विश्वास बढ़ा है. भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास और शहरीकरण की वजह से आवास और वाणिज्यिक संपत्तियों की मांग लगातार बढ़ रही है. भारत सरकार ने एनआरआई के लिए निवेश प्रक्रिया को सरल बनाया है, जिससे उन्हें प्रॉपर्टी खरीदना आसान हो गया है. रियल एस्टेट में निवेश से अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद रहती है. कई एनआरआई भारत में संपत्ति खरीदकर उसे किराये पर देते हैं या भविष्य में लाभ कमाने के लिए बेच देते हैं.
कई एनआरआई भारत में अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए संपत्ति खरीदते हैं, जिसे वे भविष्य में रहने के लिए या अपने परिवार के लिए उपयोग कर सकते हैं. भारतीय रियल एस्टेट बाजार 2047 तक 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की क्षमता रखता है, जिससे यह घरेलू और विदेशी दोनों निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है.
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