भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है, इसका मतलब है कि आपकी होम लोन, कार लोन या पर्सनल लोन की EMI पर इस बार कोई नया असर नहीं पड़ेगा. आपकी मासिक किश्तें पहले की तरह ही बनी रहेंगी, जिससे आपकी जेब पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा. रियल एस्टेट सेक्टर ने इस फैसले का स्वागत किया है. विशेषज्ञों का मानना है कि फेस्टिव सीजन में स्थिर ईएमआई से और बुकिंग बढ़ेगी.
निम्बस रियल्टी के सीईओ, साहिल अग्रवाल का कहते हैं- “यह फैसला रियल एस्टेट के लिए काफी बेहतर है, फेस्टिव सीजन ये फैसला घर खरीदारों और डेवलपर दोनों के लिए भरोसा जगाने वाला है. इस फैसले से त्योहारों के समय में आवासीय और कमर्शियल दोनों सेक्टर में मजबूत बिक्री और नई दिलचस्पी पैदा होने की संभावना है.”
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क्रीवा और कानोडिया ग्रुप के फाउंडर, डॉ. गौतम कानोडिया कहते हैं- “फरवरी से अब तक, RBI ने ब्याज दरों में कुल 100 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी, जिससे लोन लेना सस्ता हो गया था और बाजार में सकारात्मक माहौल बना था. भले ही इस बार दरों में कोई नई कटौती नहीं हुई है, लेकिन ब्याज दरों का स्थिर रहना ही खरीदारों और डेवलपर्स के लिए त्योहारों के मौसम में एक अच्छी खबर है, इस स्थिरता से घर खरीदने में लोगों का भरोसा और बढ़ता है, और आने वाले महीनों में रियल एस्टेट की ग्रोथ बनी रहने की उम्मीद है.'
रॉयल एस्टेट ग्रुप के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर,पीयूष कंसल का कहना है- 'होम लोन की दरें स्थिर हैं और GST भी हाल ही में कम किया गया है. इन दोनों वजहों से, त्योहारों का यह समय प्रॉपर्टी खरीदने के लिए सबसे बेहतरीन मौका बन गया है. खासकर उन टियर-2 शहरों में जहां लग्जरी घरों की डिमांड तेज़ी से बढ़ रही है, अब खरीदारी पहले से ज़्यादा सस्ती हो जाएगी. इस माहौल से खरीदारों का भरोसा बढ़ेगा और वे बिना देर किए बाज़ार में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे.'
वन ग्रुप के चेयरमैन, सुनील कुमार जैन, का कहना है - “रेपो रेट की स्थिरता ने लग्जरी रियल एस्टेट बाजार में नई ऊर्जा भर दी है. मेट्रो शहरों के साथ-साथ टियर-2 शहरों में भी उच्च गुणवत्ता वाली प्रॉपर्टी की मांग बढ़ रही है, जहां डेवलपर्स अब बड़े शहरों जैसी जीवनशैली प्रदान करने में सक्षम हैं.'
नॉर्थविंड एस्टेट्स के डायरेक्टर ऑफ मार्केटिंग एंड सेल्स, शौर्य गर्ग कहते है- “ त्योहारों के मौसम में ईएमआई की यह स्थिरता घर खरीदारों को योजना बनाने में भरोसा देती है और डेवलपर्स अपने प्रोजेक्ट्स की गति बनाए रख सकते हैं. इससे मांग बढ़ेगी और रियल एस्टेट सेक्टर में विश्वास बना रहेगा.”
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