भारत के अति-धनी वर्ग की पसंद और खर्च करने के तरीके में 2022 के बाद से जबरदस्त बदलाव आया है, जो देश में विलासिता की परिभाषा को फिर से लिख रहा है. इस बदलाव में, लग्जरी रियल एस्टेट एक प्रमुख निवेश और स्टेटस सिंबल के रूप में उभरा है. कोटक प्राइवेट लग्जरी इंडेक्स (KPLI) नाम की एक रिपोर्ट में विस्तृत डेटा दिया गया है, जो पिछले तीन सालों में इन धनी उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं और खर्च करने के पैटर्न में आए बदलाव को दर्शाता है.
यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि आज के विलासिता बाजार में अति-धनी वर्ग के लिए सबसे मूल्यवान क्या है, और यह भी कि भारत में लग्जरी का मतलब अब केवल महंगी चीजों का स्वामित्व नहीं रह गया है. इसके बजाय, अति-धनी लोग अब सेहत, विशिष्ट अनुभवों और एक सोच-समझकर तैयार की गई जीवनशैली को सामाजिक प्रतिष्ठा का नया मापदंड मान रहे हैं. यह परिवर्तन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत का विलासिता बाज़ार 2030 तक $85 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है. KPLI की यह रिपोर्ट ब्रांडों, निवेशकों और सलाहकारों के लिए एक आवश्यक मार्गदर्शिका का काम करती है.
रियल एस्टेट में उछाल और निवेश के तरीके
रिपोर्ट के अनुसार, लग्जरी उत्पादों की कीमतों में लगातार उछाल देखने को मिला है, जो 2022 और 2025 के बीच 22% तक बढ़ गई हैं. लाइफस्टाइल और रियल एस्टेट दोनों सेगमेंट में मजबूत मांग के चलते यह वार्षिक वृद्धि दर 6.7% रही है. स्मार्ट टेक्नोलॉजी से लैस ब्रांडेड रेजीडेंस अभी भी अति-धनी वर्ग के लिए एक प्रमुख स्टेटस सिंबल बने हुए हैं, जिनकी मांग सालाना 10.8% बढ़ रही है. इससे पता चलता है कि लोगों को लगता है कि अच्छे, महंगे घर लेना अभी भी लंबी रेस का घोड़ा है और ये उनकी लाइफस्टाइल को बेहतर बनाने के लिए जरूरी हैं.
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वेलनेस और अनुभव बन रहे हैं नए स्टेटस सिंबल
एक प्रमुख ट्रेंड यह है कि अति-धनी वर्ग अब चीजो से ज्यादा सेहत और अनुभवों को प्राथमिकता दे रहा है. वेलनेस टेक्स सेंटर स्टेज वेलनेस रिट्रीट, जैसे कि अमनबाग और आनंदा, उनकी पसंदीदा जगह बन गए हैं, जिसके कारण वेलनेस कैटेगरी में 2022 से हर साल 14.3% की वृद्धि हुई है. अब वे लंबी उम्र, मानसिक संतुलन और व्यक्तिगत उपचारों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
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फैशन और शिक्षा में बदलाव
हैंडबैग की बिक्री में 2022 से हर साल 10.2% की ज़बरदस्त बढ़ोतरी हुई है, जबकि लग्जरी घड़ियों और महंगी वाइन के खर्च में गिरावट आई है, जो दर्शाता है कि अति-धनी वर्ग की पसंद भी एक चक्र में बदलती रहती है. वहीं एलीट यूनिवर्सिटी एजुकेशन धनी परिवारों के लिए सबसे महत्वपूर्ण निवेशों में से एक बन गया है, जिसमें सालाना 8.4% की वृद्धि हुई है. कई लोगों के लिए, यह विरासत, आकांक्षा और दीर्घकालिक सुरक्षा का प्रतीक है. रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 84% अति-धनी व्यक्ति अपने बच्चों के लिए विदेशी शिक्षा, खासकर अमेरिका और ब्रिटेन में, पसंद करते हैं.
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