क्या आप गुरुग्राम में घर खरीदने या निवेश करने का सोच रहे हैं? अगर हां, तो सोहना रोड आपके लिए सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है. हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोहना रोड ने पिछले तीन सालों में रियल एस्टेट मार्केट में बाकी सभी इलाकों को पछाड़ दिया है. यहां प्रॉपर्टी की कीमतों में 74% की रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी हुई है और किराये में भी 50% का शानदार उछाल आया है.
सोहना रोड पर एक सामान्य 2BHK का किराया 50% बढ़कर ₹37,500 हो गया है. गुरुग्राम के बिज़नेस हब में काम करने वाले लोग और जो लोग अच्छी कमाई की उम्मीद में निवेश कर रहे हैं, उन दोनों के लिए यह जगह बहुत पसंद आ रही है, जिसकी वजह से यहां मांग हमेशा बनी रहती है.
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सोहना रोड की तरक्की की दो मुख्य वजहें हैं एक तो पास में ही कई बड़ी कंपनियों के दफ्तर हैं और दूसरा, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे जैसी बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं से यहां की कनेक्टिविटी में काफी सुधार हुआ है. रियल एस्टेट सलाहकार Squareyards के डेटा के मुताबिक, 2020 के बाद सोहना में जितने नए घर बने हैं, उनकी संख्या पिछले दस सालों (2010-2020) में बने कुल घरों से ज़्यादा है. यहां के घरों की औसत उम्र 4 साल से भी कम है.
एलिवेटेड कॉरिडोर और डीएमआईसी जैसी बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट ने सोहना को गुरुग्राम के डेवलपर्स और घर खरीदारों के बीच एक हॉटस्पॉट बना दिया है. कई बड़े डेवलपर्स ने यहां ज़मीन खरीदकर नए प्रोजेक्ट्स शुरू कर दिए हैं. अच्छी बात यह है कि घर खरीदार भी इन प्रोजेक्ट्स में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं, जिससे सप्लाई और डिमांड दोनों में तालमेल बना हुआ है.
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नोएडा का सेक्टर-150 देश भर में सबसे तेजी से बढ़ने वाला रियल एस्टेट माइक्रो-मार्केट बन गया है, जहां 2021 के बाद से प्रॉपर्टी की कीमतों में 139% की भारी बढ़ोतरी हुई है. जिन 14 प्रमुख माइक्रो-मार्केट्स का अध्ययन किया गया, उनमें प्रॉपर्टी की कीमतों में 24% से 139% तक और किराए में 32% से 81% तक की बढ़ोतरी हुई है. बेंगलुरु के सरजापुर रोड और थानिसंद्रा, हैदराबाद के गाचीबोवली और पुणे के वाघोली में भी दो अंकों में मजबूत वृद्धि देखी गई. इसकी मुख्य वजह आईटी सेक्टर का विस्तार और नए मेट्रो लाइन व एक्सप्रेसवे जैसे कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स हैं.
मुंबई में, ईस्टर्न फ्रीवे और मेट्रो के विस्तार से चेंबूर में प्रॉपर्टी की कीमतों में 53% और मुलुंड में 50% की बढ़ोतरी हुई है. कोलकाता का ईएम बाईपास और राजारहाट, साथ ही चेन्नई का पेरंबुर और पल्लावरम भी बेहतर ट्रांसपोर्ट लिंक और नियोजित विकास की वजह से लाभ में रहे, हालांकि यहाँ की वृद्धि एनसीआर और बेंगलुरु की तुलना में थोड़ी कम रही.
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