आप शॉपिंग मॉल के अंदर गए और कुछ देर बाद जब आप बाहर आना चाहते हैं, तो आपको जल्दी बाहर आने का रास्ता नहीं मिलता. अक्सर मॉल के अंदर घुसते ही सिर चकराने लग जाता है और आपको कई बार दूसरों से बाहर जाने का रास्ता पूछना पड़ता है.
ऐसा सिर्फ आपके साथ नहीं होता, बल्कि हर उस व्यक्ति के साथ होता है, जो शॉपिंग मॉल में जाता है. ऐसा भी नहीं है कि यह आपकी याददाश्त कमजोर होने की निशानी है. यह एक सोचा-समझा कदम है, जिसे मॉल की इमारत तैयार करने के दौरान दिमाग में रखा जाता है.
आपके साथ अक्सर होने वाली इस घटना को 'ग्रुवेन ट्रांसफर अथवा ग्रुवेन
इफेक्ट' के नाम से जाना जाता है. इसके लिए जिम्मेदार हैं दुनिया का सबसे
पहला शॉपिंग मॉल तैयार करने वाले विक्टर ग्रुवेन. विक्टर को अपने ही तैयार
किए डिजाइन से नफरत थी.
इसलिए मॉल में खो जाते हैं आप :
मॉल में घुसने के बाद आपका सिर चकराना आम बात है. दरअसल यह खूबी शॉपिंग मॉल के डिजाइन में ही होती है. आर्किटेक्ट विक्टर ग्रुवेन के नाम से ही इसे 'ग्रुवेन ट्रांसफर' नाम दिया गया है.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपेार्ट के मुताबिक मॉल की इमारत खरीददार को कंफ्यूज करती है. ऐसा माना जाता है कि इसकी वजह से लोग ज्यादा खरीदारी करते हैं. इससे मॉल और दुकानदारों का फायदा होता है.
कई बार आप मॉल में एक ही जगह से बार-बार गुजरते हैं. इससे आप कीमतों को लेकर मानसिक तौर पर कम संवेदनशील हो जाते हैं और काफी ज्यादा खरीदारी करने लगते हैं.
ग्रुवेन ट्रांसफर भले ही आपकी जेब पर भारी पड़ता है, लेकिन मॉल की तरफ से खरीदारों को लुभाने के लिए इस ट्रिक का खूब इस्तेमाल किया जाता है.
विक्टर को थी डिजाइन से नफरत :
आर्किटेक्ट विक्टर ग्रुवेन को शॉपिंग मॉल का डिजाइन करने का श्रेय दिया जाता है, लेकिन विक्टर ने इसके लिए श्रेय लेने से साफ इनकार कर दिया.
दअरसल 70 के दशक में शॉपिंग मॉल अमेरिका में जगह-जगह खुलने लगे थे. अब तक विक्टर को समझ में आ गया था कि शॉपिंग मॉल के मालिक इनका इस्तेमाल खरीददारों को मानसिक तौर पर खरीदी के लिए मजबूर कर रहे हैं. इससे उन्हें बड़ा दुख पहुंचा.
द गार्जियन की एक रिपेार्ट के मुताबिक 1978 में विक्टर ने एक इंटरव्यू में कहा, 'मैं इस वाहियाद डिजाइन का श्रेय लेने से इनकार करता हूं.'
ग्रुवेन ट्रांसफर के अलावा मॉल में कई ट्रिक्स अपनाई जाती हैं, जिससे शॉपिंग मॉल में घुसते ही आपको खरीदारी के लिए उकसाया जाता है.