अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट (Scott Bessent) ने क्लियर किया है कि ग्लोबल ट्रेड में टैरिफ का ये मुद्दा 'बैड एक्टर्स' से जुड़ा है. चीन पर निशाना साधते हुए अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ऐसे देश ग्लोबल इकोनॉमी (Global Economy) में अपने कंट्रीब्यूशन से असंतुलन पैदा कर रहे हैं, जिस कारण ट्रंप ने 125% का टैरिफ लगाया है. उन्होनें कहा कि नेगोशिएशन चीन के पड़ोसी देशों के साथ चल रहा है, जिसमें भारत भी शामिल है.
बेसेंट ने कहा, 'यह कोई ट्रेड वॉर नहीं है. यह 'बुरे एक्टर्स' के बारे में है, और हम चीन के पड़ोसी देशों के साथ टैरिफ में नेगोशिएशन को लेकर चर्चा कर रहे हैं. इस मामले में भारत, दक्षिण कोरिया और जापान सबसे आगे है. उन्होंने कहा कि अभी वियतनाम से भी व्यापार वार्ता हो रही है.
ट्रंप के फैसले से भारतीय मार्केट को मिल सकती है राहत
चीन के खिलाफ 125 फीसदी टैरिफ 10 अप्रैल से प्रभावी है. यह फैसला अमेरिकी वस्तुओं पर टैरिफ को 34 फीसदी से बढ़ाकर 84 प्रतिशत करने के बाद आई है. बेसेंट ने आगे कहा कि 2 अप्रैल को ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को अभी 90 दिनों के लिए रोक दिया गया है. इस अचानक ऐलान से ग्लोबल मार्केट (Global Stock Market) में तेजी आई और कई दिनों की अस्थिरता समाप्त हो गई. भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) को भी इससे राहत मिलने की उम्मीद है.
10 फीसदी टैरिफ तक जा सकते हैं: बेसेंट
बेसेंट ने कहा, 'हमने राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा आज से एक सप्ताह पहले लागू की गई सफल बातचीत रणनीति देखी है. 75 से ज्यादा देश वार्ता के लिए आगे आए हैं. उन्होंने यह भी जिक्र किया कि ट्रंप व्यापार वार्ता (Trade Talk with Trump) में व्यक्तिगत रूप से शामिल होना चाहते हैं.' इसलिए हम 90-दिन की योजना पर काम कर रहे हैं. इसलिए दुनिया का हर देश जो आकर वार्ता करना चाहता है, हम आपकी बात सुनने को तैयार हैं. हम उनके लिए 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ पर जा सकते हैं.'
अमेरिका और भारत एक-दूसरे से सहमत
भारत के लिए भी ट्रंप की घोषणा 90 दिनों की राहत प्रदान करती है. अमेरिका ने फार्मास्यूटिकल्स और सेमीकंडक्टर को छोड़कर भारतीय आयात पर 26 प्रतिशत टैरिफ (Tariff on India Imports) लगाया था. भारत को लेकर ट्रंप ने सतर्क रुख अपनाया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान घोषित व्यापार सौदे को अंतिम रूप देने पर फोकस किया है. दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए शर्तों पर पहले ही सहमत हो चुके हैं और इस वर्ष शरद ऋतु तक समझौता पूरा होने की उम्मीद है.
आजतक बिजनेस डेस्क