ग्लोबल प्रेशर ने Share Market पर लगाया ब्रेक, Sensex-Nifty में रही मामूली तेजी

कल पांच राज्यों केे विधानसभा चुनाव की मतगणना हुई. इनमें से 4 राज्यों में भाजपा की सरकार बनने के संकेत मिले. बाजार को इस परिणाम ने बड़ी राहत दी और लगातार दूसरे दिन इसमें तेजी देखने को मिली.

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बाजार ने खो दी तेजी बाजार ने खो दी तेजी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 3:42 PM IST
  • ग्लोबल मार्केट में जारी है भारी गिरावट
  • एफपीआई कर रहे रिकॉर्ड बिकवाली

Stock Market Update: वैश्विक बाजारों में जारी गिरावट से शुक्रवार को बाजार की लगातार चौथे दिनों की तेजी पर ब्रेक लग गया. बाजार ने आज भले ही घाटे के साथ शुरुआत की, लेकिन कुछ ही देर के कारोबार में सेंसेक्स ने 600 अंक से ज्यादा की रिकवरी कर ली थी. हालांकि घरेलू शेयर बाजार बढ़त को बचाने में नाकामयाब रहे और मामूली तेजी के साथ बंद हुए.

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ग्लोबल मार्केट की बड़ी गिरावट के बीच आज जैसे ही बाजार खुला, बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और एनएसई निफ्टी (NSE Nifty) दोनों 0.50 फीसदी तक गिर गए. सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) पर सेशन शुरू होने के पहले से ही प्रेशर दिख रहा था. जैसे ही कारोबार शुरू हुआ, सेंसेक्स 300 अंक से ज्यादा लुढ़क गया. हालांकि चंद मिनटों के कारोबार में इसने रिकवरी के संकेत दिए. सुबह के 09:20 बजे सेंसेक्स की गिरावट 100 अंक से भी कम हो चुकी थी और यह 55,365 अंक के आस-पास ट्रेड कर रहा था. इसी तरह एनएसई निफ्टी का नुकसान 50 अंक से कम हो चुका था और यह 16,550 अंक के आस-पास कारोबार कर रहा था.

हालांकि इसके बाद कुछ ही देर में बाजार ने पूरे नुकसान को रिकवर कर लिया. सुबह के 10:10 बजे सेंसेक्स 300 अंक से ज्यादा मजबूत हो चुका था और 55,750 अंक से ऊपर कारोबार कर रहा था. इसी तर्ज पर निफ्टी ने भी रिकवरी की और करीब 0.50 फीसदी की तेजी के साथ 16,650 अंक से ऊपर बना हुआ था. जब बाजार बंद हुआ तो सेंसेक्स की बढ़त 100 अंक से भी नीचे सिमट गई. कारोबार समाप्त होने के बाद सेंसेक्स 85.91 अंक (0.15 फीसदी) की बढ़त के साथ 55,550.30 अंक पर रहा. निफ्टी 35.55 अंक (0.21 फीसदी) बढ़कर 16,630.45 अंक पर बंद हुआ.

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एनालिस्ट बता रहे हैं कि घरेलू बाजार के ऊपर ग्लोबल मार्केट के ट्रेंड का प्रेशर है. कल अमेरिकी बाजार में गिरावट देखने को मिली थी. अमेरिका में महंगाई (US Inflation) के 40 साल के उच्च स्तर पर पहुंच जाने से सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के लिए ब्याज दरें बढ़ाने के सिवाय कोई अन्य ऑप्शन नहीं बचा है. इस आशंका में वॉल स्ट्रीट में गिरावट देखने को मिली. आज एशियाई बाजार भी ठीक-ठाक गिरावट में रहे. हांगकांग का हैंगसेंग (Hang Seng) करीब 3 फीसदी गिरा, तो जापान का निक्की (Nikkei) 2 फीसदी के नुकसान में रहा.

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बिकवाली भी घरेलू बाजार के ऊपर प्रेशर बना रही है. रूस-यूक्रेन की जंग (Russia-Ukraine War) के चलते बढ़ी अनिश्चितता और क्रूड ऑयल (Crude Oil) के रिकॉर्ड उबाल के बीच इन्वेस्टर्स सुरक्षित विकल्पों की तलाश कर रहे हैं. इस सप्ताह तो बिकवाली का ऐसा आलम दिख रहा है कि हर रोज बाजार से 1-1 बिलियन डॉलर निकाल लिए जा रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, इस सप्ताह के पहले दो दिन में एफपीआई ने बाजार से 2 बिलियन डॉलर निकाल लिए. इससे पहले पिछले सप्ताह एफपीआई ने भारतीय बाजार से 2.9 बिलियन डॉलर निकाले थे. अक्टूबर से अब तक एफपीआई घरेलू बाजार में 19 बिलियन डॉलर की बिकवाली कर चुके हैं. यह 2008 के फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद एफपीआई की सबसे भयानक बिकवाली है.

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इससे पहले लगातार 3 दिन घरेलू बाजार में तेजी देखने को मिली थी. एक्जिट पोल के संकेत से बाजार में बहार वापस लौटी थी और कल परिणाम आने के बाद भी तेजी बनी रही. पांच राज्यों के चुनाव परिणाम एक्जिट पोल्स के अनुरूप ही रहे. परिणाम के बाद चार राज्यों में भाजपा की सरकार की वापसी का रास्ता साफ हो गया. इससे बाजार को सपोर्ट मिला और गुरुवार को सेंसेक्स 817 अंक से ज्यादा चढ़ गया. निफ्टी में भी करीब 250 अंक की तेजी देखने को मिली. इससे पहले बुधवार को जब कारोबार समाप्त हुआ, तब सेंसेक्स 1,223.24 अंक (2.29 फीसदी) के फायदे के साथ 54,647.33 अंक पर बंद हुआ था. इसी तरह एनएसई निफ्टी 331.90 अंक (2.07 फीसदी) मजबूत होकर 16,345.35 अंक पर रहा था.

 

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