भारत सेमीकंडक्टर सेक्टर में अपने आप को मजबूत करने के लिए देश के अलग-अलग जगहों पर सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने की मंजूरी दे रहा है. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्रीय कैबिनेट ने 4 नए सेमीकंडक्टर यूनिट्स की मंजूरी दे दी है. सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट ओडिशा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में खोले जाएंगे, जिसके लिए 4594 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
कैबिनेट के इन प्लांट्स की मंजूरी भारत सेमीकंडक्टर मिशन योजना का हिस्सा है. मंजूर किए गए ये चार प्रस्ताव SiCSem, कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (CDIL), 3D ग्लास सॉल्यूशंस इंक और एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज (ASIP) टेक्नोलॉजीज के हैं.
6 राज्यों में होंगे 10 सेमीकंडक्टर यूनिट्स
इन चार प्लांट से करीब 4,600 करोड़ रुपये के संचयी निवेश के साथ सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं स्थापित होंगी और 2034 तक रोजगार पैदा होने की उम्मीद है, जो इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम को बढ़ाएगा, जिससे इनडायरेक्ट तौर पर बहुत सी नौकरियां पैदा होंगी. आज इन चार प्लांट्स की और मंजूरी के साथ ISM के तहत अप्रूव प्लांट की कुल संख्या 6 राज्यों में लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपये के निवेश के साथ 10 हो गई हैं. यानी 6 राज्यों में अब कुल 10 सेमीकंडक्टर प्लांट होंगे.
सेमीकंक्टर्स प्लांट्स से भारत की बढ़ेगी ताकत
दूरसंचार, ऑटोमोटिव, डेटा सेंटर्स, कंज्युमर इलेक्ट्रॉनिक्स और इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स में सेमीकंडक्टर की बढ़ती मांग को देखते हुए, ये चार नई स्वीकृत सेमीकंडक्टर परियोजनाएं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देंगी. ओडिशा में SiCSem और 3D ग्लास की स्थापना की जाएगी. CDIL पंजाब में स्थित है और ASIP आंध्र प्रदेश में स्थापित किया जाएगा.
ओडिशा के भुवनेश्वर में खुलेगा SicSem का प्लांट
SicSem प्राइवेट लिमिटेड, ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित इन्फो वैली में सिलिकॉन कार्बाइड (SiC) आधारित कंपाउंड सेमीकंडक्टर की एकीकृत सुविधा स्थापित करने के लिए यूके की क्लास-SiC वेफर फैब लिमिटेड के साथ सहयोग कर रही है. यह देश का पहला कमर्शियल कंपाउंड फैब होगा. इस परियोजना में सिलिकॉन कार्बाइड उपकरणों के निर्माण का प्रस्ताव है.
इस कंपाउंड सेमीकंडक्टर फैब की सालाना कैपिसिटी 60,000 वेफर और पैकेजिंग क्षमता 96 मिलियन यूनिट होगी. प्रस्तावित उत्पादों का उपयोग मिसाइलों, डिफेंस उपकरणों, इलेक्ट्रिक वाहनों (EV), रेलवे, फास्ट चार्जर, डेटा सेंटर रैक, कंज्युमर उपकरणों और सौर ऊर्जा इन्वर्टर में किया जाएगा.
3डी ग्लास के चिप का कहां होगा यूज
3डी ग्लास सॉल्यूशंस इंक. (3डीजीएस) ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित इन्फो वैली में एक वर्टिकली इंटीग्रेटेड एडवांस्ड पैकेजिंग और एम्बेडेड ग्लास सबस्ट्रेट यूनिट स्थापित करेगी. यह यूनिट दुनिया की सबसे उन्नत पैकेजिंग तकनीक भारत में लाएगी. उन्नत पैकेजिंग सेमीकंडक्टर उद्योग में नेक्स्ट जनरेशन का अनुभव देती है. इस सुविधा में पैसिव और सिलिकॉन ब्रिज वाले ग्लास इंटरपोजर और 3डी हेटेरोजेनस इंटीग्रेशन (3DHI) मॉड्यूल समेत कई उन्नत तकनीक होंगी.
इस यूनिट की नियोजित क्षमता लगभग 69,600 ग्लास पैनल सबस्ट्रेट्स, 50 मिलियन असेंबल्ड यूनिट्स और 13,200 3DHI मॉड्यूल प्रति वर्ष होगी. प्रस्तावित उत्पादों का डिफेंस, AI, रेडियो फ्रीक्वेंसी और ऑटोमोटिव, फोटोनिक्स और को-पैकेज्ड ऑप्टिक्स आदि में यूज किया जाएगा.
आंध्र प्रदेश और पंजाब में चिप यूनिट्स
एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज टेक्नोलॉजीज (ASIP), दक्षिण कोरिया की APACT कंपनी लिमिटेड के साथ तकनीकी गठजोड़ के तहत आंध्र प्रदेश में एक सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करेगी, जिसकी वार्षिक क्षमता 96 मिलियन यूनिट होगी. निर्मित उत्पादों का उपयोग मोबाइल फोन, सेट-टॉप बॉक्स, ऑटोमोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में किया जाएगा.
कॉन्टिनेंटल डिवाइस (CDIL) मोहाली, पंजाब में अपनी डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर विनिर्माण सुविधा का विस्तार करेगी. ये देश में विकसित हो रही विश्व स्तरीय चिप डिजाइन क्षमताओं का पूरक होंगी, जो सरकार द्वारा 278 एजुकेशन संस्थानों और 72 स्टार्ट-अप्स को प्रदान की गई डिजाइन इंफ्रास्ट्रक्चर सहायता द्वारा संचालित हैं.
आजतक बिजनेस डेस्क