सिर्फ 2 स्‍लैब, सस्‍ते होंगे सामान... फटाफट रिटर्न, GST रिफॉर्म को लेकर सरकार का ये नया प्लान

केंद्र सरकार इनपुट और आउटपुट टैक्स रेट्स के बीच के अंतर को खत्‍म करना चाहता है, ताकि टैक्स क्रेडिट को कम किया जा सके. साथ ही कुछ स्‍लैब को हटाना चाहता है. इसके अलावा, वित्त मंत्रालयल ने जीएसटी काउंसिल के पास जीएसटी रिटर्न पर रिफंड प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रस्‍ताव पेश किया है.

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जीएसटी को लेकर पीएम मोदी ने किया बड़ा ऐलान. (Photo: PTI) जीएसटी को लेकर पीएम मोदी ने किया बड़ा ऐलान. (Photo: PTI)

ऐश्वर्या पालीवाल

  • नई दिल्‍ली,
  • 15 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 1:16 PM IST

स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने GST को लेकर बड़ा ऐलान किया. उन्‍होंने का कि दिवाली पर GST में हम बड़ा रिफॉर्म लेकर आ रहे हैं, जिससे टैक्‍स कम हो जाएंगे. PM के इस घोषणा के बीच, वित्त मंत्रालय ने GST Council को एक प्रस्‍ताव पेश किया है, जिसमें स्‍ट्रक्‍चरल रिफॉर्म, टैक्‍स रेट को कम करना और जीएसटी को और आसान बनाना है. 

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79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, मोदी ने GST को एक बड़े सुधार के रूप में बताया, जिसने 2017 में अपनी शुरुआत के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था को नया रूप दिया है. नेक्‍स्‍ट जनरेशन जीएसटी को लेकर पेश किए गए प्रस्‍ताव की समीक्षा मंत्रियों के एक समूह (GoM) द्वारा की जा रही है और इसकी शुरुआत चालू वित्त वर्ष में, दिवाली के समय तक करने का लक्ष्य रखा गया है. आइए जानते हैं इसके तहत क्‍या-क्‍या बदल जाएगा. 

पहला बदलाव- स्‍ट्रक्‍चरल रिफॉर्म
केंद्र सरकार इनपुट और आउटपुट टैक्स रेट्स के बीच के अंतर को खत्‍म करना चाहता है, ताकि टैक्स क्रेडिट को कम किया जा सके और घरेलू मैन्‍युफैक्‍चरिंग को बढ़ावा दिया जा सके. वर्गीकरण संबंधी मुद्दों को भी सुव्‍यवस्थित करने की योजना है, ताकि मौजूदा विवाद और नियम संबंधी समस्‍याएं कम हो सकें. लॉन्‍ग टर्म में दरों को स्थिर और नीतिगत बनाने का भी लक्ष्‍य रखा गया है. 

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दूसरा बदलाव- सिर्फ दो स्‍लैब 
नए GST रिफॉर्म के तहत सिर्फ 2 स्‍लैब रखने का प्रस्‍ताव है. अभी के समय में 0%, 5%, 12%, 18% और 28% स्‍लैब हैं, जिस घटाकर 'स्‍टैंडर्ड और योग्‍यता' वाले सिर्फ 2 स्‍लैब ही रखे जाएंगे. विशेष दरें सिर्फ कुछ चुनिंदा वस्‍तुओं पर ही लागू होंगी. प्रस्‍ताव में जरूरी और महत्‍वाकांक्षी वस्‍तुओं पर टैक्‍स में कटौती भी शामिल है, ताकि कंजम्‍प्‍शन बढ़े. टैक्‍स कम होने से कई वस्‍तुएं सस्‍ती दरों पर मिलेंगी, जिससे मिडिल क्‍लास, छात्र और किसानों से लेकर एक व्‍यापक संख्‍या तक को लाभ मिलेगा.  

तीसरा बदलाव- छोटे व्‍यवसायों को लाभ 
तीसरा बदलाव छोटे व्यवसायों और डिजिटल को आसान बनाने को लेकर है. इसमें एक बिना रुकावट वाली तकनीक बनाना, गलतियों और मानवीय हस्तक्षेप को कम करने के लिए पहले से भरे हुए GST रिटर्न पर जल्दी रिफंड जारी करना आदि शामिल है. 

ये तीन सुधार भी हो सकते हैं 
अगली जीएसटी काउंसिल की बैठक सितंबर में होने की उम्‍मीद है. ऐसे में कहा जा रहा है कि नए जीएसटी के तहत 12% स्लैब को हटाया जा सकता है. साथ ही स्वास्थ्य और जीवन बीमा से रेट्स को हटाया जा सकता है. इसके अलावा, आवश्यक वस्तुओं की दरों में फेरबदल करके रेट्स को आम लोगों के लिए युक्‍त‍िसंगत बनाया जा सकता है. 

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वित्त मंत्रालय ने कहा कि केंद्र राज्यों के साथ समन्वय में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. जीएसटी परिषद अपने अगले सत्र में मंत्रिसमूह की सिफारिशों पर विचार-विमर्श करेगी, जिसमें तेजी से क्रियान्वयन पर जोर दिया जाएगा. 

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