केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने फ्रांस के पेरिस में भारतीय प्रवासी (Indian Diaspora) समुदाय को संबोधित करते हुए बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि आने वाले पांच साल में यानी 2027-28 तक भारत दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत 30-35 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनने का लक्ष्य भी पा लेगा. इसके साथ ही उन्होंने निवेशकों को भारत में आने और इन्वेस्ट करने के लिए आमंत्रित भी किया.
निर्यात में 50% का हुआ इजाफा
Piyush Goyal ने कहा कि भारत का गौरवशाली इतिहास रहा है. फिलहाल हमारी इकोनॉमी 3.5 ट्रिलियन डॉलर की है और हमें उम्मीद है कि 2047 तक यह 30-35 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी. उस समय हम आजादी के 100 साल का जश्न मना रहे होंगे. संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत वस्तुओं और सेवाओं के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है. पिछले दो वर्षों में वस्तुओं और सेवाओं के हमारे निर्यात में 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
2030 तक तीन गुना बढ़ जाएगा निर्यात
केंद्रीय मंत्री ने निर्यात के आंकड़े पेश करते हुए आगे कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि 2030 तक भारत से वस्तुओं और सेवाओं का हमारा निर्यात लगभग 765 अरब डॉलर के मौजूदा स्तर से तिगुना होकर 2 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा.' पीयूष गोयल ने फ्रांस के निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि आप लोग पर्यटक के रूप में या फिर निवेशक के रूप में अच्छा रिटर्न पाने के लिए भारत का रुख कर सकते हैं. मैं आपको आपके बोर्ड के सदस्यों के साथ भारत आने के लिए आमंत्रित कर रहा हूं. मैं समझता हूं कि आने वाले वक्त में भारत-फ्रांस के बीच रिश्ते और मजबूत होंगे.
IMF को भी भारत की रफ्तार पर भरोसा
एक ओर जहां पीयूष गोयल ने अगले पांच साल में भारत के तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनकर उभरने की बात कही है. तो वहीं मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की सालाना रिपोर्ट में भी भारत की जमकर तारीफ की गई. इसमें IMF ने कहा कि भारत अभी दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना रहेगा. हालांकि, वैश्विक निकाय में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर के अनुमान को संशोधित करते हुए घटा जरूर दिया है.
इन कारणों से आईएमएफ ने घटाया ग्रोथ अनुमान
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड ने अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की विकास दर के अनुमान को 5.9 फीसदी कर दिया है. इससे पहले 6.1 फीसदी का अनुमान लगाया गया था. आईएमएफ ने आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि लंबे समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukrain War) और कोरोना महामारी के कारण कमजोर हुई वित्तीय सेहत और इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़े विपरीत प्रभाव के चलते विकास दर के अनुमान में कटौती की गई है.
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