ओबेरॉय फैमिली में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. अरबों डॉलर के साम्राज्य को लेकर दो बहनों के बीच तकरार शुरू हो चुकी है. दरअसल, नवंबर 2023 में पृथ्वी राज सिंह (PRS) ओबेरॉय की मौत हो गई थी, जो ओबेरॉय होटल साम्राज्य के मालिक थे. अब इस विरासत को लेकर लड़ाई कानूनी झगड़े में बदल गई है.
विरासत को लेकर विवाद का केंद्र पीआरएस ओबेरॉय की दूसरी शादी से उनकी बेटी अनास्तासिया ओबेरॉय हैं. वह ओबेरॉय ग्रुप की प्रमुख कंपनी EIH लिमिटेड में महत्वपूर्ण शेयरों समेत परिसंपत्तियों के बंटवारें का विरोध कर रही हैं. विरासत की जंग सौतेले भाई विक्रमजीत ओबेरॉय, सौतेली बहन नताशा ओबेरॉय और चचेरे भाई अर्जुन ओबेरॉय और अनास्तासिया ओबेरॉय के बीच चल रही है.
कैसे फंसा हुआ है विरासत का विवाद?
दरअसल, ओबेरॉय फैमिली का विवाद दो वसीयतों पर टिका हुआ है. एक 1992 की और दूसरी 2021 की. 27 अगस्त 2022 की तारीख वाले कोडिसिल से यह विवाद और भी जटिल हो चुका है. अनास्तासिया का कहना है कि यह उसके पिता की अंतिम इच्छाओं को दर्शाता है. कोडिसिल वसीयत में एक कानूनी संशोधन है, जो पूरे दस्तावेज को फिर से लिखे बिना बदलाव या एडिशन को सक्षम बताना है. उनका कहना है कि इसे वैध होने के लिए मूल वसीयत के समान कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए.
कौन किस वसीयत से चाहता है बंटवारा?
अनास्तासिया के सौतेले भाई-बहन विक्रमजीत, नताशा और अर्जुन ओबेरॉय 1992 की वसीयत को प्राथमिकता देने को कहते हैं. उनका दावा है कि शेयर उनके लिए ट्रस्ट में रखे गए थे. वहीं अनास्तासिया का दावा है कि 2021 की वसीयत और उसके साथ दी गई कोडिसिल वैध हैं और विरासत में उसी हिसाब से बांटे जाने चाहिए.
अनास्तासिया ओबेरॉय कौन हैं?
PRS ओबेरॉय की दूसरी शादी से पैदा हुई अनास्तासिया ओबेरॉय इस कानूनी विवाद में सबसे आगे हैं. ज़ौबा कॉर्प की रिपोर्ट के अनुसार, विरासत की लड़ाई में उनकी भूमिका से परे वह होटल और रेस्तरां, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे उद्योगों में पांच कंपनियों में डायरेक्टर के रूप में काम करती हैं. ओबेरॉय होटल्स प्राइवेट लिमिटेड, ओबेरॉय होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, ओबेरॉय प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड, ओबेरॉय बिल्डिंग्स एंड इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और ओबेरॉय इन्वेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड में उनके डायरेक्टर का पद परिवार के व्यापारिक साम्राज्य में उनकी गहरी भागीदारी दिखाता है.
दिल्ली हाईकोर्ट का अहम फैसला
अनास्तासिया का मुख्य दावा ओबेरॉय ग्रुप की प्रॉपर्टीज पर है, जिसमें दिल्ली के कापसहेड़ा में पारिवारिक घर भी शामिल है. दिल्ली हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में एक अंतरिम आदेश जारी किया है, जिसमें मामले के सुलझने तक ओबेरॉय ग्रुप से जुड़े शेयरों या प्रॉपर्टीज के किसी भी ट्रांसफर पर रोक लगा दी गई है.
नताशा ओबेरॉय और अनास्तासिया के बीच टकरार
अनास्तासिया की सौतेली बहन नताशा ओबेरॉय परिवार के हॉस्पिटिलिटी बिजनेस में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं. उन्होंने वाइन इंडस्ट्री में भी अपना नाम बनाया है. साल 2002 में उन्होंने चिंकारा वाइन की स्थापना की, जो भारत, इंडोनेशिया और मलेशिया सहित दक्षिण पूर्व एशियाई बाजारों में निर्यात के लिए ऑस्ट्रेलिया में उगाए गए अंगूरों से बढ़िया वाइन बनाती है.
नताशा की भी कंपनियों में बड़ी भूमिका
अनास्तासिया की तरह नताशा भी ओबेरॉय समूह की कई कंपनियों में डायरेक्टर के पद पर हैं, जिनमें ओबेरॉय होटल्स प्राइवेट लिमिटेड, ओबेरॉय होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड और ओबेरॉय प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं, जिससे परिवार की विरासत के साथ उनके मजबूत संबंध और मजबूत होते हैं.
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