टैक्स डिपॉर्टमेंट ने करीब 25000 लोगों को एक SMS और ईमेल भेज रहा है, जिन्होंने असेटमेंट ईयर 2025-26 के लिए अपने टैक्स रिटर्न में विदेशी संपत्तियों का खुलासा नहीं किया है. ग्लोबल डेटा शेयरिंग एग्रीमेाट के तहत दूसरे देशों से भेजी गई जानकारी के आधार पर इन लोगों की पहचान 'हाई रिस्क' वाले मामले में की गई है . अगर आपकी भी विदेश में संपत्ति है और आपने भी इसका खुलासा नहीं किया है तो आपके पास भी ये मैसेज आ सकता है.
टैक्स अधिकारियों ने AEOI सिस्टम के आधार पर विदेश से मिले आंकड़ों की जांच की है. यह इंटरनेशनल इंफ्रा देशों को अपने निवासियों द्वारा विदेशों में रखे गए फाइनेंशियल अकाउंट की डिटेल शेयर करने की अनुमति देता है. इस डेटा के आधार पर विभाग को कई ऐसे मामले मिले, जहां विदेशी संपत्तियां अभी की लगती हैं, लेकिप फाइल इनकम टैक्स रिटर्न में इनका जिक्र नहीं किया गया था.
कम्प्लायंस को बेहतर बनाने के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) अपने ‘Nudge’ कैंपेन के पहले फेज में अलर्ट भेजना शुरू करेगा. इन मैसेज में टैक्सपेयर्स को पेनल्टी से बचने के लिए 31 दिसंबर, 2025 तक अपने ITRs को रिवाइज करने की सलाह दी जाएगी.
जल्द ही और ज्यादा टैक्सपेयर्स कवर होंगे
इस कैंपेन के तहत दूसरा फेज दिसंबर में शुरू होगा और इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल किया जाएगा. विभाग ने उन बड़ी कंपनियों से भी संपर्क किया है, जिनके कर्मचारियों के पास विदेशी प्रॉपर्टी हो सकती है, लेकिन उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया. उद्योग निकायों, आईसीएआई और अन्य संघों से जागरूकता फैलाने और करदाताओं का मार्गदर्शन करने को कहा गया है.
एक अधिकारिक बयान के अनुसार, मिली जानकारी से विभाग को विसंगतियों का पता लगाने में मदद मिलती है और लोगों को अपनी विदेशी होल्डिंग्स को अनुसूची विदेशी परिसंपत्तियों और विदेशी स्रोत आय में सही ढंग से रिपोर्ट करने के लिए सपोर्ट किया जाता है.
विदेशी प्रॉपर्टी की रिपोर्ट नहीं करने पर जुर्माना
विदेशी प्रॉपर्टी की रिपोर्ट नहीं करने पर नियम सख्त हैं. ब्लैक मनी अधिनियम के तहत, विदेशी संपत्ति का खुलासा न करने पर 10 लाख रुपये का जुर्माना, 30% टैक्स और देय कर का 300% अतिरिक्त जुर्माना लग सकता है. इस कानून का उद्देश्य भारतीय निवासियों द्वारा विदेशों में रखी गई अघोषित आय और परिसंपत्तियों पर अंकुश लगाना है.
पिछले साल हुए थे बड़े खुलासे
पिछले साल भी इसी तरह का एक कैंपेन चलाया गया था. इसने 24,678 करदाताओं को असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए अपने आयकर रिटर्न पर दोबारा गौर करने और 29,208 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति और 1,089 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी सोर्स आय की घोषणा करने के लिए प्रेरित किया.
अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल से जून 2025 के बीच लगभग 1,080 मामलों का वैल्यूवेशन किया जा चुका है, जिससे लगभग 40,000 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड सामने आई है. विभाग ने दिल्ली, मुंबई और पुणे में भी छापेमारी की है, जिसमें कई सौ करोड़ रुपये के छिपे हुए विदेशी निवेश का पता चला है.
आजतक बिजनेस डेस्क