सितंबर तिमाही के GDP आंकड़े आज आएंगे, इकोनॉमी की रफ्तार अच्छी रहने का अनुमान

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से आज चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के GDP के आंकड़े जारी किए जाएंगे. कई एजेंसियों ने इस दौरान इकोनॉमी में अच्छी ग्रोथ होने का अनुमान लगाया है.

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GDP में अच्छी बढ़त का अनुमान (फाइल फोटो: Getty Images) GDP में अच्छी बढ़त का अनुमान (फाइल फोटो: Getty Images)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 30 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:58 PM IST
  • जीडीपी के आंकड़े आज आएंगे
  • सितंबर में खत्म तिमाही का होगा डेटा

सरकार आज यानी मंगलवार को मौजूदा वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद  (GDP) के आंकड़े जारी करेगी. कई एजेंसियों का अनुमान है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7 से 9 फीसदी के बीच रह सकता है. यानी इस दौरान इकोनॉमी की रफ्तार अच्छी रहने का अनुमान है. 

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से आज चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी किए जाएंगे. गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में 20 फीसदी की शानदार तेजी देखी गई थी. हालांकि, इसकी वजह बेस इफेक्ट को माना गया, क्योंकि पिछले साल कोरोना काल में इस दौरान देश की जीडीपी नेगेटिव हो गई थी. पिछले वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में भी जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट रही थी.

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कितनी हो सकती है बढ़त 

इंडिया रेटिंग्स (India Ratings)  ने दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 8.3 फीसदी होने का अनुमान लगाया है. एजेंसी के मुताबिक पूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी में बढ़त 9.4 फीसदी हो सकती है. 

ICRA ने वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही के लिए अपने GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.9 फीसदी कर दिया है. ICRA के मुताबिक, वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों को औद्योगिक और सर्विस सेक्टर की वॉल्यूम में इजाफे से समर्थन मिला है. 

इसी तरह केयर रेटिंग्स के मुताबिक दूसरी तिमाही में जीडीपी में 8.1 से 8.3 फीसदी तक की बढ़त हो सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक ने पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में 9.5 फीसदी पर ग्रोथ रेट रहने का अनुमान जताया है.

क्या होती है GDP?

किसी देश की सीमा में एक निर्धारित समय के भीतर तैयार सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहते हैं. यह किसी देश के घरेलू उत्पादन का व्यापक मापन होता है और इससे किसी देश की अर्थव्यवस्था की सेहत पता चलती है. इसकी गणना आमतौर पर सालाना होती है, लेकिन भारत में इसे हर तीन महीने यानी तिमाही भी आंका जाता है. कुछ साल पहले इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और कंप्यूटर जैसी अलग-अलग सेवाओं यानी सर्विस सेक्टर को भी जोड़ दिया गया. 

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