भारत निर्वाचन आयोग की नीतियों और निर्देशों को लेकर गंभीर सवाल उठाए गए हैं. आयोग द्वारा जारी किए गए विज्ञापन और सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर भ्रम की स्थिति है, क्योंकि कोई आधिकारिक अधिसूचना या संशोधित आदेश जारी नहीं किए गए हैं. यह पूछा गया है कि क्या विज्ञापन और सोशल मीडिया पोस्ट अब संवैधानिक संस्था की नीति का वाहक बन गए हैं.