Bihar Air Pollution: बिहार समेत आस-पास के इलाकों में प्रदूषण का लेवल बढ़ता जा रहा है. अभी दिवाली में कुछ दिन बाकी हैं, फिर भी पटना सहित कई शहरों की हवा में सांस लेना दूभर हो गया है. आमतौर पर दिवाली के बाद प्रदूषण बढ़ता था लेकिन इस बार दिवाली से पहले ही प्रदूषण का स्तर खराब होता जा रहा है. पटना में कई जगहों का AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक ) गंभीर स्तर पर पहुंच गया है, जो कि स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. ऐसे में आने वाले समय में लोगों को काफी परेशानी हो सकती है. आइए जानते हैं बिहार का प्रदूषण स्तर.
चिंताजनक दर से बढ़ रहा बिहार का प्रदूषण
बिहार में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक दर से बढ़ रहा है. वायु प्रदूषण की वजह से यहां की हवा की गुणवत्ता लगातार गिरती जा रही है. वहीं, गंगा नदी जो बिहार की जीवन रेखा है, भी प्रदूषण से अछूती नहीं है. औद्योगिक शहरी कचरे के कारण गंगा का जलस्तर प्रदूषित होता जा रहा है, जो जल जीवों और मनुष्यों के लिए खतरनाक है. इसके साथ ही, भूमि प्रदूषण भी कृषि पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, जिससे फसल की गुणवत्ता पर असर पड़ता है. सरकार ने प्रदूषण की इस समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन अभी इसका कोई फायदा नहीं मिल पा रहा है. प्रदूषण की रोकथाम के लिए सक्रिय कदम उठाना होगा.
दिवाली से पहले हवा खराब
दिवाली से पहले पटना के कई इलाकों को AQI चिंता का विषय बन गया है. पटना का AQI 236, हाजीपुर में 249 और कटिहार में 228 दर्ज किया गया है. आसनसोल का AQI 229, बिहार शरीफ-158, बक्सर-141, बेगूसराय- 218, गया- 143, हाजीपुर- 249, मुजफ्फरपुर- 127, मुंगेर में 225 AQI दर्ज किया गया.
जबकि कई शहरों की एयर क्वालिटी अच्छी भी है. जिसमें मोतिहारी-63, पूर्णिया का 60, सासाराम- 57, सिवान -138, सहरसा-116 AQI दर्ज किया गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, 'खराब' श्रेणी में आने वाला AQI लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले अधिकांश लोगों को सांस लेने में तकलीफ़ का कारण बन सकता है, जबकि 'बहुत खराब' श्रेणी में आने वाले लोगों को लंबे समय तक सांस संबंधी बीमारियों का ज्यादा जोखिम होता है.
पटना के मौसम की जानकारी
मौसम विभाग के मुताबिक, 21 अक्टूबर से लेकर 23 अक्टूबर तक आकाश में ज्यादातर बादल छाए रहेंगे. 24 से 26 अक्टूबर तक बारिश और बादल गरजने का अनुमान है. इसके साथ ही कई जगहों पर बिजली चमकने का अनुमान जताया गया है. 21 अक्टूबर से लेकर 26 अक्टूबर तक न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जाएगा.
यहां जानें AQI स्केल
AQI स्केल वायु गुणवत्ता स्तरों को चार क्लास में बांटता है. अगर किसी जगह का AQI 0-50 है तो उस जगह के AQI को 'अच्छा', 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'बहुत खराब' और 401-500 को 'गंभीर' माना जाता है.
प्रदूषण से बचाव के उपाय
प्रदूषण से बचने के लिए घर से बाहर निकलने पर अपने मुंह और नाक को अच्छे से ढंक लें या मास्क लगा कर निकलें. आंखों की एलर्जी से बचने के लिए आंखों पर चश्मा लगाकर निकलें. ज्यादा प्रदूषण में घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. वहीं, घर के बच्चे और बुजुर्गों को बाहर निकलने से रोके. ऐसे में पार्क में खेलने जाने वाले बच्चों को घर पर ही इनडोर गेम्स खेलने को कहें. अगर आप मॉर्निंग और इवनिंग वॉक पर जाते हैं तो कुछ दिन बाहर न जाएं, नहीं तो ज्यादा प्रदूषण में सांस संबंधी समस्या हो सकती है.
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