देवेंद्र यादव ने थामा जन सुराज का दामन, बोले- बिहार बदहाल है... किसान परेशान है

देवेंद्र प्रसाद यादव ने प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में शामिल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि बिहार बदहाल है. किसान संकट में हैं. लोग गांधी, लोहिया, अंबेडकर का नाम लेते हैं. लेकिन उनकी विचारधारा से सहमत नहीं हैं. अधिकांश राजनीतिक दलों ने इन्हें वोट लेने का तंत्र बना लिया है. मैं पीके के समूह में शामिल हो रहा हूं.

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देवेंद्र यादव. (Photo Source @DevendraYadavMP X) देवेंद्र यादव. (Photo Source @DevendraYadavMP X)

आदित्य वैभव

  • पटना,
  • 27 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:58 PM IST

बिहार की झंझारपुर लोकसभा सीट से पूर्व आरजेडी सांसद देवेंद्र प्रसाद यादव ने प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज का दामन थाम लिया है. उन्होंने कहा कि वह बिहार की राजनीति में एक बार फिर से समाजवाद के स्थापित करेंगे.

पटना में पीके की पार्टी का दामन थामने के बाद देवेंद्र यादव ने कहा, 'बिहार बदहाल है. किसान संकट में हैं. लोग गांधी, लोहिया, अंबेडकर का नाम लेते हैं. लेकिन उनकी विचारधारा से सहमत नहीं दिखते. अधिकांश राजनीतिक दलों ने इन्हें वोट लेने का तंत्र बना लिया है. मैं पीके के समूह में शामिल हो रहा हूं, क्योंकि वह अब महिलाओं, वंचितों और गरीबी से त्रस्त लोगों के लिए काम कर रहे हैं. इससे बिहार सशक्त होगा. यहां बहुत सारे लोग हैं. A2Z वाली पार्टी में कौन है.'

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पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान A2Z पार्टी क्या कर सकती थी, इसका उल्लेख करते हुए यादव ने राजद पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया और दावा किया कि हम बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में समाजवाद को फिर से स्थापित करेंगे. “वो लोग अपने भाइयों को लोहिया की बातों से डराते हैं. वे मतदाताओं से कटे हुए हैं. वे पीके से भयभीत हैं जो बिहार के भीतरी इलाकों में घूमकर लोगों से मिल रहे हैं.''

उन्होंने आरजेडी के शीर्ष नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने समाजवाद की अपनी राजनीतिक विचारधारा से किनारा कर लिया है. उन्होंने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री के रूप में लाल कार्ड योजना शुरू की थी, लेकिन केंद्र उसी को आगे बढ़ा रहा है.

वहीं, पीके ने देवेंद्र प्रसाद यादव का जन सुराज में स्वागत करते हुए कहा, “उन्होंने हमसे जुड़ने का फैसला किया है. मेरे लिए वह नेता नहीं हैं, लेकिन उन बहुत कम लोगों में से हैं जिन्हें एक अच्छा इंसान बताया जाता है. जब मैं मधुबनी जिले में अपनी पद यात्रा पर था तो मुझे उनके योगदान के बारे में बताया गया. वह पथप्रदर्शकों में से एक होंगे. पीके जन सुराज के लीडर नहीं हैं. हम उच्च श्रेणी की राजनीतिक क्षमता वाले लोगों को जोड़ेंगे.”

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