बिहार के इस गांव की जमीन पर वक्फ बोर्ड ने ठोका दावा, कहा- यह हमारी संपत्ति, 30 दिन में करें खाली

नोटिस मिलने के बाद सातों जमीन मालिकों ने पटना हाई कोर्ट में याचिका कर इसका विरोध किया है. पटना हाई कोर्ट से उन्हें राहत मिली है. हाई कोर्ट ने कहा है कि 1910 से उक्त जमीन का खतियान सातों याचिकाकर्ताओं के वंशजों के नाम है.

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पटना से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोविंदपुर गांव पर वक्फ बोर्ड ने दावा ठोका. (Aajtak Photo) पटना से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गोविंदपुर गांव पर वक्फ बोर्ड ने दावा ठोका. (Aajtak Photo)

राजेश कुमार झा

  • पटना ,
  • 26 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 10:09 PM IST

एक तरफ वक्फ बोर्ड संसोधन बिल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है, तो वहीं वक्फ बोर्ड द्वारा राज्य सरकारों पर दबाव बनाया जा रहा है कि इस बिल को संसद में पास होने से रोका जाए. वहीं दूसरी तरफ पटना से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित फतुहा के गोविंदपुर गांव में बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा भी एक खेल खेला जा रहा है.

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बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा गोविंदपुर गांव पर दावा किया जा रहा है. यहां के रहने वाले सात लोगों को नोटिस दिया गया और उनसे कहा गया है कि जिस जमीन पर वे रह रहे हैं, वह वक्फ की है और उसे खाली कर दें. उन सात लोगों का कहना है कि उनके दादा-परदादा के जमाने से उक्त भूमि का खतियान है, फिर यह उनका न होकर वक्त का कैसे हुआ. गोविंदपुर गांव के रहने वाले खतियान वंशज बृजेश बल्लभ प्रसाद, राजकिशोर मेहता, रामलाल साव, ۔मालती देवी, ۔संजय प्रसाद, सुदीप कुमार और सुरेंद्र विश्वकर्मा के पास बिहार राज्य सुन्नी बोर्ड का नोटिस आया है.

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नोटिस में 30 दिनों के अंदर उन्हें जमीनें खाली करने के लिए कहा गया है, जिन पर उनके घर बने हुए हैं. नोटिस मिलने के बाद सातों जमीन मालिकों ने पटना हाई कोर्ट में याचिका कर इसका विरोध किया है. पटना हाई कोर्ट से उन्हें राहत मिली है. हाई कोर्ट ने कहा है कि 1910 से उक्त जमीन का खतियान सातों याचिकाकर्ताओं के वंशजों के नाम है. पूर्व में भी पटना के जिलाधिकारी द्वारा 2 डिसमिल जमीन अधिग्रहित की गई थी, जिसका मुआवजा इन लोगों के पूर्वजों को मिला था. वर्तमान समय में तोजी नंबर 16, खाता नंबर 130, खसरा नंबर 217 की सात धुर जमीन पर सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा दावा किया जा रहा है.

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इससे पूरे इलाके के लोग परेशान हैं. वहीं बक्फ बोर्ड पूरे गोविंदपुर गांव पर अपना दावा पेश कर रहा है, जिसका खाता नंबर 128, 130, खसरा नंबर 199, 219, 217 है. बता दें कि केंद्र सरकार ने बीते दिनों लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया था, जिसका विपक्ष ने विरोध किया था. इसको देखते हुए सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक को समीक्षा के लिए जेपीसी के पास भेजा है. जेपीसी की अध्यक्षता वरिष्ठ भाजपा नेता और डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल कर रहे हैं. समिति में पक्ष और विपक्ष के कई सांसद शामिल हैं.

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