बिहार में मुखिया-सरपंच-वार्ड मेंबर पाएंगे दोगुना पैसा, आंगनबाड़ी वर्कर्स का स्टाइपेंड भी बढ़ा

लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने मुखिया-सरपंच और वार्ड मेंबर को मिलने वाला पैसा डबल कर दिया है. वहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का स्टाइपेंड भी बढ़ा दिया गया है. इसके अलावा नीतीश कैबिनेट ने राज्य में अलग खेल विभाग बनाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी है.

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बिहार में मुखिया-सरपंच की सैलरी डबल, आंगनबाड़ी वर्कर्स का स्टाइपेंड भी बढ़ा (फाइल फोटो) बिहार में मुखिया-सरपंच की सैलरी डबल, आंगनबाड़ी वर्कर्स का स्टाइपेंड भी बढ़ा (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:28 PM IST

लोकसभा चुनाव से पहले बिहार की नीतीश सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है. सोमवार को हुई नीतीश कैबिनेट की बैठक में मुखिया-सरपंच और वार्ड सदस्यों का वेतन डबल कर दिया गया है. वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए स्टाइपेंड बढ़ाने पर मुहर लगा दी गई है. इसके अलावा कैबिनेट ने एथलीटों के लिए एक अलग खेल विभाग बनाने की भी मंजूरी दी है.  

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बिहार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) एस. सिद्धार्थ ने कैबिनेट की मीटिंग के बाद मीडिया को बताया, "कैबिनेट ने राज्य में पंचायत प्रतिनिधियों के मासिक मानदेय और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए जाने वाले स्टाइपेंड में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है." 

कैबिनेट सचिवालय के एसीएस सिद्धार्थ ने कहा कि मुखियाओं को अब 2500 रुपये के बजाय 5000 रुपये का मासिक मानदेय मिलेगा, जबकि उनके प्रतिनिधियों के लिए इसे 1200 रुपये से बढ़ाकर 2500 रुपये कर दिया गया है. इसी तरह सरपंच को 5000 रुपये और उपसरपंच को 2500 रुपये हर महीने मिलेंगे. पहले सरपंच को 2500 रुपये और उपसरपंच को 1200 रुपये हर महीने वेतन के रूप में मिलते थे.  

राज्य के 2.50 लाख से ज्यादा प्रतिनिधियों को फायदा 

एसीएस के मुताबिक, इन पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में 100 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. इस फैसले से राज्य के 2.50 लाख से ज्यादा पंचायत प्रतिनिधियों को लाभ होगा. उन्होंने बताया कि वार्ड मेम्बर्स का मानसिक मानदेय 500 रुपये से बढ़ाकर 800 रुपये कर दिया गया है. सिद्धार्थ ने बताया कि सरकार के इस फैसले से राज्य पर सालाना 339 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.  

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आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बढ़ा स्टाइपेंड 

कैबिनेट ने राज्य में करीब 2.30 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं (सेविकाओं और सहायिकाओं) को दिए जाने वाले मासिक स्टाइपेंड में बढ़ोतरी को भी मंजूरी दे दी है. अधिकारी ने बताया, "अब सेविकाओं को 7000 रुपये और सहायिकाओं को 4000 रुपये प्रतिमाह स्टाइपेंड मिलेगा. इससे राज्य के खजाने पर 286 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. आंगनवाड़ी में सेविकाओं को 5,950 रुपये और सहायिकाओं को 2,975 रुपये हर महीने मिलते थे." 

बिहार में बनेगा अलग खेल विभाग

एसीएस सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य में खेल के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने और पदक जीतने के प्रयासों में एथलीटों का समर्थन करने के लिए एक अलग खेल विभाग के निर्माण को भी मंजूरी दी है. अब तक, कला, संस्कृति और युवा मामलों के विभाग का खेल विंग एक हिस्सा है. राज्य में सभी खेल इसी विभाग के तहत कराए जाएंगे.  

कैबिनेट ने नई आईटी नीति को दी मंजूरी 

इसके अलावा, कैबिनेट ने राज्य में आईटी क्षेत्र को निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बनाने के लिए नई सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नीति 2024 को मंजूरी दे दी. उन्होंने कहा, "बिहार को देश के अगले आईटी हब और आईटी निवेश गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए कैबिनेट ने नई आईटी नीति को मंजूरी दे दी है."

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