Business Idea: मछली पालन के साथ करें बत्तख पालन, यूं दोगुना हो जाएगा मुनाफा

बत्तख पालन और मछली पालन करके एक ही तालाब में दोहरा लाभ हासिल कर सकते हैं. इससे मछली के आहार में लगभग 75 प्रतिशत कम खर्च होता है और बत्तख के आहार में 30 से 35 फीसदी खर्च कम हो जाता है. साथ ही किसानों का मुनाफा दोगुना हो जाता है.

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Duck and fish farming Duck and fish farming

आजतक एग्रीकल्चर डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 3:06 PM IST

देश के ग्रामीण इलाकों में किसान मछली पालन करके बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं. नई-नई तकनीकें आने के बाद किसानों का ये मुनाफा और भी बढ़ गया है. मछली पालन और बत्तख पालन भी ऐसा ही विकल्प है. बत्तख को मछलीपालन के साथ करने पर दोनों को एक दूसरे से सहयोग मिलता है. साथ ही उत्पादन लागत में भी कमी आती है.

बत्तखों को मछलीपालन के तालाब में रखने से तालाब की सफाई में भी मदद मिलती है, क्योंकि वे गंदगी को खाते हैं और तालाब का ऑक्सीजन लेवल बनाए रखते हैं. इससे मछलियों को भी अच्छा वातावरण मिलता है और मछलियों का विकास भी होता है. दूसरी तरफ उत्पादन की लागत में कमी आती है. इस तरह.बत्तख के साथ मछली पालन करके डबल मुनाफा हासिल कर सकते हैं.

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मछलियों के आहार पर 75 प्रतिशत कम खर्च

बत्तख पालन और मछली पालन करके एक ही तालाब में दोहरा लाभ ले सकते हैं. इससे मछली के आहार में लगभग 75 प्रतिशत कम खर्च होता है और बत्तख के आहार में 30 से 35 फीसदी खर्च कम हो जाता है. आमतौर पर बत्तख 24 सप्ताह की आयु में अंडे देना शुरू कर देती हैं और 2 साल तक यह प्रक्रिया जारी रहती है. एक एकड़ तालाब में आसानी से 250 से 300 बत्तखें पाली जा सकती हैं.

ऐसे करें बत्तख के साथ मछली पालन

मछलीपालन के साथ बत्तखपालन करना हो तो तालाब में मछली के स्पॉन नहीं डालने चाहिए, क्योंकि बत्तख उन्हें खा सकते हैं, इससे आपको नुकसान होगा. इसलिए एक एकड़ तालाब में 4 से 5 हज़ार फिंगरलिंग डालना चाहिए. इसमें अलग-अलग प्रजाति की मछलियां शामिल हैं. इन प्रजातियों का भी एक ख़ास अनुपात आपको फायदा दिला सकता है क्योंकि अलग-अलग प्रजाति की मछलियां तालाब के अंदर अलग-अलग स्तरों पर मौजूद भोजन पर पलती हैं. 

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तालाब में मछलियों के भोजन में सरसों की खली, धान की भूसी, मिनरल मिक्स्चर और बाज़ार में तैयार फीड देनी चाहिए. इन सबको आप बोरे में बंडल बनाकर आधा तालाब में डुबोकर लटका सकते हैं. 6 से 9 महीने के अंदर एक किलो तक की मछलियां हो जाएंगी. एक एकड़ तालाब से ऐसे में 18-20 क्विंटल से उपर मछली का उत्पादन संभव है, जिससे अधिक मुनाफ़ा होगा .

बत्तख के साथ मछली पालन से डबल मुनाफा

बत्तखों के भोजन में घास बरसीम, जई, सब्जी का छिलका, धान की भूसी, मिनरल मिक्स्चर और बाज़ार में तैयार फीड देनी चाहिए जो लगभग साढ़े चार महीना में अंडा देने के लिए तैयार हो जाते हैं. वहीं, तालाब में  6 से 9 महीने के अंदर एक से 1.5 किलो तक की एक मछली हो जाती है. एक एकड़ तालाब से उन्हें 20 से 25 क्विंटल मछली का उत्पादन मिलता है जिससे 5 से 6 लाख का शुद्ध मुनाफ़ा होता है. 

वहीं, दूसरी तरफ बत्तख पालन से सालाना उनको 3 से 4 लाख रुपये तक मुनाफा होता है. दोनों मिलाकर इससे किसानों को 10 से 12 लाख रुपये का लाभ हासिल हो सकता है.

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