Sarkari Scheme: गेंदा फूल की खेती पर 50% सब्सिडी, जानिए किसे मिलेगा लाभ और कहां करें आवेदन

Subsidy News: फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार ने रबी मौसम में 'फूल (गेंदा) विकास योजना' की शुरुआत की है. जिसके तहत गेंदे के फूलों की खेती पर किसानों को लागत का 50 फीसदी तक अनुदान मिलेगा. आइए जानते हैं डिटेल्स.

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बिहार में फूल विकास योजना के अंतर्गत गेंदे के फूलों की खेती पर मिलेगी सब्सिडी बिहार में फूल विकास योजना के अंतर्गत गेंदे के फूलों की खेती पर मिलेगी सब्सिडी

आजतक एग्रीकल्चर डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 23 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:40 PM IST

Bihar Government Phool Vikas Yojana: फूलों की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है. बिहार सरकार ने रबी मौसम में गेंदा फूल की खेती को बढ़ावा देने के लिए वित्त वर्ष 2025-26 में 'फूल (गेंदा) विकास योजना' शुरू की है. जिसके तहत 8 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है.

कृषि विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, बाजार में गेंदे के फूल की हमेशा अच्छी डिमांड रहती है. गेंदे की खेती से किसान कम खर्च में बढ़िया कमाई कर सकते हैं. इसी को देखते हुए बिहार सरकार ने 'फूल (गेंदा) विकास योजना' शुरू की है.

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लागत का 50 प्रतिशत मिलेगा अनुदान
कृषि विभाग की ओर से इस योजना के तहत गेंदा उत्पादन के लिए प्रति हेक्टेयर खेती की लागत 80 हजार रुपये मानी गई है. सरकार इसमें 50 फीसदी यानी 40 हजार रुपये तक अनुदान देगी.  साथ ही,अच्छी क्वालिटी के पौधे भी सस्ते दाम पर उपलब्ध कराए जाएंगे. राज्य के सभी 38 जिलों के किसान इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं.

गेंदा फूल की खेती पर सब्सिडी के लिए कैसे करें आवेदन?
कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए किसान DBT पोर्टल(dbtagriculture.bihar.gov.in) पर रजिस्ट्रेशन करके ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. लाभार्थियों का चयन पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होगा. फूल खिलने के बाद ब्लॉक के उद्यान अधिकारी और जिला अधिकारी की मंजूरी मिलने पर अनुदान की राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी. 'फूल (गेंदा) विकास योजना' शुरू करने के पीछे सरकार का मकसद किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देना है.

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किराए की जमीन कर खेती करने पर भी मिलेगी सब्सिडी
गेंदा फूल की खेती के लिए किसान के पास जमीन होनी चाहिए. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों के पास एल० पी० सी० तथा अद्यतन रसीद होना आवश्यक है. जिन किसानों के पास जमीन उपलब्ध नहीं है वो एकरारनामा के आधार पर योजना का लाभ ले सकते हैं. 

महिला किसानों को खास प्राथमिकता
कृषि मंत्री ने बताया कि लाभार्थियों के चयन में सामाजिक समावेशन का विशेष ध्यान रखा गया है. वहीं, 30 प्रतिशत महिला किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है. उन्होंने कहा कि 'फूल (गेंदा) विकास योजना' से न सिर्फ स्थानीय बाजार की जरूरत पूरी होगी, बल्कि किसानों की कमाई भी बढ़ेगी. 

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