मौसम विभाग के पूर्वानुमान ने बढ़ाई किसानों की चिंता, क्या इस बार भी चौपट होगी खरीफ की फसल?

IMD के पूर्वानुमान के मुताबिक, इस साल उत्तर और मध्य भारत में फिर से सामान्य से 52 और 40 प्रतिशत कम बारिश हो सकती है. इसका सीधा असर धान के साथ ही खरीफ की अन्य फसलों पर पड़ सकता है. ऐसे में मॉनसून के आगमन से पहले ही किसान चिंतित हैं.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2023,
  • अपडेटेड 2:06 PM IST

देश के कई राज्यों में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. कई राज्यों में पारा 46 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है. आम आदमी बढ़ते पारे से परेशान हैं तो वहीं, फसलों और जानवरों के लिए भी तापमान में बढ़ोतरी मुसीबत से कम नहीं है. मौसम विभाग ने इस साल भारत की 19 प्रतिशत आबादी में मॉनसून के दौरान सामान्य से कम बारिश और लगभग 13 प्रतिशत आबादी में सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानूमान जताया है.

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मौसम विभाग का पूर्वानुमान

‘साउथ एशियन सीजनल क्लाइमेट आउटलुक फोरम’ (SASCOAF) के अनुसार,  उत्तर में सामान्य से कम बारिश होने की 52 प्रतिशत संभावना है. देश के मध्य भागों में सामान्य से कम वर्षा की 40 प्रतिशत संभावना है. वहीं, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम में सामान्य बारिश होने का अनुमान है. 

कमजोर मॉनसून से चौपट होगी खरीफ की फसल?

पिछले साल उत्तर भारत के राज्यों में कमजोर मॉनसून के चलते किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था. कम बारिश के चलते किसानों द्वारा धान की बुवाई में लेट हुआ था. मौसम विभाग के मुताबिक, इस साल उत्तर और मध्य भारत में फिर से सामान्य 52 और 40 प्रतिशत कम बारिश हो सकती है. इसका असर सीधे धान के साथ-साथ खरीफ की अन्य फसलों पर पड़ सकता है. पिछले साल उत्तर प्रदेश के 62 और बिहार और झारखंड के सभी जिलों में सूखे जैसी स्थिति दर्ज की गई थी. खरीफ की फसलों के साथ-साथ भीषण गर्मी से सब्जी की फसलों पर भी बुरा असर पड़ सकता है.

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 दुधारू पशुओं पर भी मौसम का असर

भीषण गर्मी से दुधारू पशुओं को भी काफी नुकसान हो सकता है. ऐसे मौसम में पशुओं के अंदर खुरपका और मुंहपका जैसे रोग होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. इसके साथ ही दुधारू पशुओं के दूध उत्पादन की क्षमता भी बढ़ सकती है. ऐसे में पशुओं के रखरखाव में भी एहितयात बरतने के निर्देश हैं. पशुओं को खुले जगहों की बजाय छायादार स्थानों पर रखने को कहा गया है.

 

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