Sheep Farming Tips: पशुपालन के अन्य व्यवसायों के मुकाबले भेड़ पालन ज्यादा मुनाफे वाला व्यवसाय साबित हो रहा है. इस व्यवसाय का उपयोग मांस के व्यापार के अलावा ऊन, खाद, दूध, चमड़ा, जैसे कई उत्पादों के लिए होता है. फिलहाल ग्रामीण क्षेत्रों में इससे जुड़कर किसान बंपर मुनाफा कमा रहे हैं.
देश में भेड़ की इन प्रजातियों के पालन का चलन
भारत में फिलहाल मालपुरा, जैसलमेरी, मंडिया, मारवाड़ी, बीकानेरी, मैरिनो, कोरिडायल रामबुतु ,छोटा नागपुरी शहाबाबाद प्रजाति की भेड़ों के पालन का चलन है. आमतौर पर एक भेड़ की कीमत 3 हजार रुपये से लेकर 8 हजार रुपये तक हो सकती है. आप लगभग 1 लाख रुपये में अपना भेड़ पालन का व्यवसाय शुरू कर सकते है .
भेड़ों के भोजन की उपलब्धता
भेड़ एक शाकाहारी जानवर है, यह घास और पेड़ पौधों की हरी पत्तियां खाती है. ऐसे में इनके लिए भोजन की व्यवस्था करने में खास मशक्कत नहीं करनी पड़ती. ये तकरीबन 7 से 8 साल तक जिंदा रहती हैं. इतने कम जीवन में भी भेड़ें किसानों को लाखों का मुनाफा दे जाती हैं. फिलहाल, भारत पूरी दुनिया में भेड़ पालन के मामले में तीसरे स्थान पर है.
सरकार से मिलती है मदद
भेड़ पालन के लिए सरकार की तरफ से नेशनल लाइवस्टॉक मिशन के तहतवित्तीय सहायता अधिकतम 1 लाख रुपये प्रदान की जाती है, जिसमें से 90% राशि किसान को ऋण के रूप में दी जाती है और शेष 10% राशि भेड़ पालक को स्वयं वाहन करनी होती है. सरकार द्वारा लोन के रूप में दी जानें वाली 90% धनराशि में 50 प्रतिशत राशि पर पशुपालक को ब्याज नही देना होता है. जबकि शेष बची 40% धनराशि पर आपको ब्याज देना होता है,
भेड़ पालन से क्या फायदे?
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए भेड़ पालन आय का प्रमुख साधन माना गया है. इनसे ऊन, मांस और दूध ज्यादा मात्रा में मिल सके. इसके अलावा भेड़ का गोबर भी बहुत अच्छा उर्वरक माना जाता है. इसका उपयोग करके खेतों की उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है. भेड़ के शरीर पर बहुत नरम और लंबे रोएं होते है, जिनसे ऊन प्राप्त होती है. इसके ऊन से ही कई तरह के वस्त्र बनाए जाते है.